योग अत्यंत ही गूढ़ एवं गंभीर विषय


योग अत्यंत ही गूढ़ एवं गंभीर विषय
छात्रों ने जाना योग में अनुसंधान के महत्व को
हिमालयन योग विज्ञान स्कूल में एक दिवसीय सेमिनार आयोजित
डोईवाला@BHVN ……….@हिमालयन योग विज्ञान स्कूल जौलीग्रांट में भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद कि सहयोग से एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें छात्र-छात्राओं को योग के विविध आयामों के बारे में जानकारी दी गयी।
शुक्रवार को हिमालयन हिमालयन योग विज्ञान स्कूल (एसआरएचयू) में सेमिनार का उद्घाटन डॉ. स्वामी राम के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्जवलित कर किया गया। सेमिनार को संबोधित करते हुये प्रोफेसर गणेश शंकर गिरी ने छात्र-छात्राओं को योग के विविध आयामों के विषय की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि योग अत्यंत ही प्राचीन विषय है। इसका वर्णन वेद, उपनिषद, पुराण, महाभारत, गीता के अतिरिक्त विभिन्न दर्शनों जैसे की जैन दर्शन, बौद्ध दर्शन, मीमांसा आदि में मिलता है। महर्षि पतंजलि ने योग की परिभाषा करते हुए कहा है कि ‘योगः चित्तवृत्ति निरोधः, इस दृष्टि से योग के अध्ययन की विषय वस्तु में चित्त, चित्त की वृत्तियॉं, उनके उत्पन्न होने में कारण अविद्यादि पंच क्लेश एवं उनका निरोध करने हेतु वर्णित क्रिया-योग, अष्टांगयोग, अभ्यास-वैराग्य सब सम्मिलित हो जाते हैं। योग विषय की विशालता, गूढता, गंभीरता एवं उपयोगिता की दृष्टि से इसमें अध्ययन का क्षेत्र बहुत विस्तृत है। पतंजली विश्वविद्यालय हरिद्वार के प्रो. ओमनारायण तिवारी ने योग में अनुसंधान पर कहा कि योग विषय अत्यंत ही गूढ़ एवं गंभीर है। इसमें मनुष्य के समस्त दुखों को दूर करने के उपायों का वर्णन सूत्र रूप में किया गया है। योग जीवन का उद्देश्य भी है एवं प्रक्रिया भी इस जीवन उद्देश्य को न भी प्राप्त किया जा सके तो भी इसकी प्रक्रिया को जीवन में अपनाने से व्यक्तित्व की कई क्षमतायें जाग्रत हो सकती हैं। श्री गुरू राम राय विश्वविद्यालय के प्रो. कंचन जोशी ने कहा कि योग में होने वाले विभिन्न अध्ययनों अनुसंधान से ही ज्ञात होता है कि इसके अंगों आसन, प्राणायाम, मुद्रा बंद आदि के अभ्यास से हमारी शारीरिक क्रियाओं की क्रियाशीलता में वृद्धि होती है। शरीर की स्वस्थ उन्नति होती है जिससे शरीर बलवान ऊर्जावान बनता है। इस प्रकार योग में अनुसंधान का अत्यधिक महत्व है। इस अवसर पर डॉ. अजय दूबे, डॉ. सोमलता झा, डॉ. राम नारायण मिश्रा, डॉ. अंकित शर्मा, विजेन्द्र द्विवेदी, नीलम रावत आदि उपस्थित थे।