न्यायधर्मसभा के संस्थापक, मार्गदर्शक एवं 111 न्यायप्रस्तावों के प्रतिपादक श्री अरविन्द ‘अंकुर’ जी का साक्षात्कार


1◆ प्रश्न :- आपकी संस्था का नाम क्या है और इसके क्या उद्देश्य हैं ?
उत्तर:- हमारी संस्था का नाम न्यायधर्मसभा है। संक्षेप में इसे हम लोग NDS कहते हैं। न्याय की स्थापना ही इस संगठन का एकमात्र उद्देश्य है।

2◆ प्रश्न:- आपने संस्था का नाम न्यायधर्मसभा ही क्यों रखा?
उत्तर:- समाज व राष्ट्र में सारी समस्याएं न्यायशील व्यवस्था न होने के कारण ही उत्पन्न होती हैं, और न्याय ही समाज व राष्ट्र का धर्म है। हमारी संस्था सामाजिक व राष्ट्रीय धर्म के रूप में न्याय की स्थापना के लिए ही कार्यरत है इसीलिए संस्था का नाम न्यायधर्मसभा रखा गया है।

3◆ प्रश्न: न्याय क्या है?
उत्तर : समाज व राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक के समुचित हिताधिकारों का निर्णय ही न्याय है। समुचित शब्द द्वारा ही यह न्याय परिभाषित होता है, जिसमें दो शब्दों का संयोग है- सम् और उचित।

4◆ प्रश्न : न्याय से जनता का कौन सा हित सधेगा…?
उत्तर : न्याय स्थापित होने से जनता को उसके चारों न्यायशील जनाधिकार सुलभ हो जायेंगे।
शिक्षा, रोजगार, सुविधा संरक्षण की प्राप्ति का अधिकार ही क्रमशः चार जनाधिकार के नाम से जाना जाता है। जनता को समुचित इन चारों हिताधिकारों की सुलभता ही न्याय का प्रमुख लक्षण है।

5◆ प्रश्न: हजारों साल से समस्याएं चलीं आ रही हैं। अब तक इनका कोई शाश्वत समाधान क्यों नहीं हुआ?
उत्तर: अब तक सत्यात्मक न्यायसिद्धांत का सूर्योदय नहीं हुआ था। अतः सैद्धान्तिक नियम-नीति-निर्णय का प्रतिपादन और प्रतिष्ठापन नहीं हो पाया था। और इसके लिए लिए आवश्यक योग्यता अनुपस्थित थी। लेकिन अब चिंता की कोई बात नहीं है, न्याय का सूर्योदय हो गया है। अब NDS न्यायशील सामाजिक व राष्ट्रीय व्यवस्था को प्रतिष्ठित कर रही है।

6◆ प्रश्न: न्याय स्थापना अभियान की प्रेरणा आपको कहाँ से मिली ?
उत्तर : हम बचपन से देख रहे हैं सभी लोग अन्याय की समस्या से ग्रस्त हैं, कोई भी सुखी नहीं है, पूरी दुनिया दुःख से कराह रही है। ऐसे में सक्षम व्यक्ति समस्याओं का समाधान करेगा ही। यदि उसके पास समस्या का समाधन है तो वह हाथ बांधकर नहीं बैठेगा।

7◆ प्रश्न :- सरकार अब तक न्यायधर्मसभा के किन-किन प्रस्तावों पर कार्य कर रही है ?
उत्तर: न्यायधर्मसभा के कुल 111 न्यायप्रस्ताव हैं, जिनमे से अधिकाँश प्रस्ताव केंद्र एवं राज्य सरकारों को समय समय पर भेजे गए हैं। उनमे से कई प्रस्तावों अथवा उनके कुछ बिंदुओं पर सरकार कार्य कर रही है जिससे देश और समाज को लाभ भी मिलना शुरू हुआ है।

8◆ प्रश्न :- अगर सरकार आपके सभी प्रस्तावों पर कार्य न करे तो फिर कैसे न्यायस्थापना होगी ?
उत्तर:- सरकार न भी करे तो भी न्यायधर्मसभा समाज और देश और दुनिया में न्याय को स्थापित करने में समर्थ है। सरकार को तो न्यायप्रस्ताव भेजकर उनको NDS सूचित कर रही है कि सरकार चाहे तो अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए न्यायशील व्यवस्था को प्रतिष्ठित करे। इससे सरकार की इज्जत बढ़ेगी। और उसके उत्तरदायित्वों का निर्वहन होगा। अन्यथा न्यायधर्मसभा तो है ही न्याय की स्थापना के लिए।

9◆ प्रश्न :- आपका पहला प्रस्ताव कैशलेस अर्थव्यस्था है जिसमें करेंसी को डिजिटल रूप में प्रयुक्त किया जाता है। आपके इस न्यायप्रस्ताव पर सरकार ने कार्य प्रारम्भ किया है। लेकिन जहाँ पर लोगों के पास फोन नहीं हैं, लोग अशिक्षित है और उनके बैंकखाते तक नहीं हैं वे लोग कैसे डिजिटल करेंसी सिस्टम का इस्तेमाल करेंगे ?
उतर: अशिक्षितों के लिए तो DCS रामबाण है। इस प्रश्न के जवाब में ही सबसे पहले गुजरात के अकोदरा गाँव को डिजिटल विलेज बनाया गया। वहां पर DCS को इम्प्लीमेंट किया गया वहाँ 90% लोग अशिक्षित हैं फिर भी सरलतापूर्वक वे सभी लोग DCS का उपयोग कर रहे हैं। और आज तो सभी के पास फ़ोन है, बैंकखाता है। बैंकखाता खोलना अब सरल कर दिया गया है। बैंक खाते को UID आधार नंबर से भी जोड़ा जा रहा है। जिससे पहिचान की समस्या नहीं होगी। एक दिन में ही करोडो खाते खुल जाएंगे। सिर्फ DCS को लागू करने की जरूरत है, जो कि अब सरकार ने घोषित ही कर दिया है।

10◆ प्रश्न : देश या दुनिया में आपका डिजिटल करेंसी सिस्टम लागू होने से क्या लाभ होगा और किन-किन समस्याओं का समाधान होगा…?
उत्तर : पूर्णतः DCS लागू होते ही भ्रष्टाचार, कालाधन, नक्लीमुद्रा, टैक्सचोरी और आतंकवाद आदि सभी प्रकार के आर्थिक अपराध तुरंत 100% समाप्त हो जायेंगे।
कागजी नोट और धातु के सिक्कों की ढलाई, छपाई, गिनाई, ढुलाई, स्टोरिंग, सुरक्षा आदि पर होने वाले हजारों करोड़ रुपयों का निरर्थक व्यय समाप्त हो जायेगा।

11◆ प्रश्न :- क्या कैशलेस होने पर साइबर अटैक का खतरा नहीं रहेगा ?
उतर : 100% DCS लागू होने पर आर्थिक मामले में कोई साइबर क्राइम नहीं हो पायेगा। कुछ साइबर क्राइम अन्य प्रकार के भी हैं, जो एक अलग समस्या है। इसका भी समाधान NDS ने सरकार को भेजा है। जिसके लागू होने पर सब प्रकार के साइबर क्राइम समाप्त हो जायेंगे।

12◆ प्रश्न :- अगर भारत में कैशलेस प्रणाली आती है और अन्य देशों में न होने की बजह से क्या परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा ?
उत्तर: भारत में 100% DCS आते ही अन्य देश स्वतः ही DCS अपना लेंगे समस्याएं किसको प्रिय हैं। सुखी जीवन सभी चाहते हैं। और अब तो NDS के प्रभाव से बहुत सारे देश डिजिटल करेंसी अपनाने के लिए लाइन में लगे हैं।

13◆ प्रश्न :- क्या आपका न्याय स्थापना अभियान भारत को विश्वगुरु बना सकता है..?
उतर: कोई भी देश पूरी दुनिया में न्याय की स्थापना कर दे और पूरे जगत को प्रकाशित करके विश्वगुरु की उपाधि प्राप्त करे। इसमें क्या हर्ज है। लेकिन पूरे जगत में न्यायस्थापना करने की सामर्थ्य वाली NDS भारत में उत्पन्न हुई है। यदि दुनिया को प्रकाशित करने वाली न्यायधर्मसभा भारत में ही है तो भारत स्वतः विश्वगुरु के रूप में सबको स्वीकार्य हो जायेगा।

14◆ प्रश्न :- क्या आपके न्यायस्थापना अभियान को जनता का समर्थन प्राप्त हो रहा है?
उत्तर:- न्याय किसको प्रिय नहीं है? दुनिया की 95% जनता न्याय से सहमत है और यदि NDS को शेष 5% धूर्तों का समर्थन न भी मिले तो भी यह समाज में न्याय को स्थापित कर देगी। सही बात वैसे तो सभी को प्रिय ही है। सब अपने साथ तो न्याय चाहते ही हैं।

15◆ प्रश्न:-सभी लोगों को रोजगार देना कैसे संभव है ?
उत्तर:- पूरी दुनिया को रोजगार देना बिलकुल संभव है, और बिलकुल सरल भी है। संसाधन की कमी नहीं है इस ब्रम्हांड में। बेरोजगारी तो मुश्किल से बनायी जाती है। हजारों काम है लेकिन करने वाला कोई नहीं है और हजारों करने वाले हैं लेकिन उनको संसाधन ही उपलब्ध नहीं कराये जाते। राष्ट्रीय आर्थिक नीति को ही संकुचित कर दिया गया है। केवल 5% लोगों ने शेष 95% लोगों को बेरोजगारी का दुर्भाग्य बाँट दिया है बस।

16◆ प्रश्न: न्यायशील जनाधिकार कैसे मिल पायेगा जनता को ?
उत्तर: शिक्षा प्राप्ति का अधिकार, रोजगार प्राप्ति का अधिकार, सुविधा प्राप्ति का अधिकार और संरक्षण प्राप्ति का अधिकार इत्यादि चारों न्यायशील जनाधिकार यदि सरकार न भी सुलभ कराये तो इसे सामजिक संस्था द्वारा सुलभ कराया जा सकता है, न्यायशील सामाजिक प्रयत्नों द्वारा।
न्यायधर्मसभा इसके लिए सामजिक और राजनैतिक दोनों प्रकार से प्रयत्न कर रही है।

17◆ प्रश्न: न्याय की स्थापना आप कैसे कर रहे हैं?
उत्तर: NDS का कार्य तीन तलों पर चल रहा है-
1●लीगल स्तर पर
2●सोशल स्तर पर और
3●पोलिटिकल स्तर पर।
प्रायोगिक स्तर पर NDS द्वारा न्यायनगर के रूप में न्यायशील ग्रामयोजना क्रियान्वित करी जा रही है।

18◆ प्रश्न: हजारों सालों से कभी DCS का नाम तक किसी को नहीं पता था और अब धीरे-धीरे और देशों में लागू हो रहा है तो आपके न्यायप्रस्ताव 100% DCS के लिए पूरा विश्व उत्सुक और कृतज्ञ हो रहा है, लेकिन भारत इतनी देरी क्यों कर रहा है?
उत्तर: जी नहीं भारत में भी देरी नहीं हो रही है। NDS ने सभी सरकारों को 111 न्यायप्रस्तावों से सम्बंधित पत्र दिये हैं, सरकारें धीरे धीरे इन न्यायप्रस्तावों की ओर आगे बढ़ रही हैं। और जिन-जिन देशों ने NDS के पहले प्रस्ताव DCS को लागू किया उन देशों को NDS ने धन्यवादपत्र भी भेजें हैं और भारत में भी अब 100% DCS पर कार्य चल रहा है। यह भारत के लिए बड़े सौभाग्य की बात है।

  • (न्यायधर्मसभा, हरिद्वार)
    http://www.nds.org.in