शूटर शौर्य के ओलंपिक मिशन को साकार करने में एसआरएचयू का सहयोग, दी आर्थिक मदद

देहरादून ब्रेकिंग हाई वोल्टेज न्यूज़ आशा कोठारी की रिपोर्ट***शूटर शौर्य के ओलंपिक मिशन को साकार करने में एसआरएचयू का सहयोग, दी आर्थिक मदद
-एसआरएचयू के कुलपति डॉ. विजय धस्माना ने शूटर शौर्य सैनी को सौंपा चार लाख रुपए का चेक
-शौर्य ब्राजील में आयोजित डेफ ओलंपिक की शूटिंग प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीतकर बढ़ा चुके हैं भारत का मान
-शौर्य अब ओलंपिक की तैयारियों के लिए खरीद सकेंगे नई राइफल और ड्रेस
डोईवाला- ब्राजील में आयोजित डेफ ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर भारत का मान बढ़ा चुके शौर्य सैनी के ओलंपिक खेल में प्रतिभाग करने का सपना अब साकार हो सकता है। ओलंपिक की तैयारी के लिए शौर्य को नई रायफल और ड्रेस की जरुरत थी। ऐसे में स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जॉलीग्रांट शौर्य की मदद को आगे आया। ओलंपिक की तैयारी के लिए नई पिस्टल व जरूरी साजो-सामान के लिए कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने शौर्य को चार लाख रुपए का चेक भेंट करते हुए भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।

गौरतलब है कि बीते मई माह में ब्राजील में आयोजित डेफ ओलंपिक की 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए शौर्य सैनी ने कांस्य पदक जीतकर देश का मान बढ़ाया था। शौर्य एसआरएचयू जॉलीग्रांट में पैरामेडिकल के छात्र भी हैं। शौर्य की इस उपलब्धि के लिए विश्वविद्यालय में उनका भव्य स्वागत किया गया। शौर्य ने बताया कि उनका लक्ष्य ओलंपिक खेलों में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतना है। हालांकि उनके पास जर्मनी की चार वर्ष पुरानी राइफल है। राइफल समय के अनुसार अपडेट करनी पड़ती है और ओलंपिक खेलों में तैयारी के लिए उन्हें नई राइफल की जरुरत है। उनके पिता की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण वह नई राइफल लेने में असमर्थ थे। उन्होंने कई संगठनों व सरकार से भी मदद की गुहार लगाई। लेकिन, कहीं से भी उन्होंने कोई मदद नहीं मिली। ऐसे में एसआरएचयू में उनकी मदद को आगे आया। कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने शौर्य को चार लाख रुपए की आर्थिक सहायता की मदद व अब तक की उनकी उपलब्धि के लिए स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।

“शौर्य की उपलब्धि के लिए समूचे देश को उन पर गर्व है। देश के लिए ओलंपिक में गोल्ड मेडल का सपना संजोए शौर्य को तैयारी के लिए नई पिस्टल की जरुरत थी। आर्थिक रुप से असक्षम शौर्य के लिए पिस्टल खरीदना मुश्किल था। शौर्य नए उदीयमान खिलाड़ियों के लिए भी प्रेरणास्रोत हैं। ऐसे में पैसे की तंगी के कारण शौर्य की राह न रुके उसके लिए हमें मदद करने का फैसला लिया। इसी कड़ी में शौर्य को विश्वविद्यालय की ओर से चार लाख रुपए की सहायता दी गई। हमें उम्मीद है कि शौर्य ओलंपिक में भी गोल्ड मेडल हासिल कर दुनिया में उत्तराखंड और देश का गौरव बढ़ाएंगे। भविष्य की तैयारियों के लिए विश्वविद्यालय उन्हें हर संभव सहयोग उपलब्ध करेगा।“- डॉ.विजय धस्माना, कुलपति, एसआरएचयू

“शौर्य ने कहा कि उनका सपना और लक्ष्य है कि वह भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए ओलंपिक में गोल्ड मेडल हासिल करें। शौर्य ने कहा कि अपने ही विश्वविद्यालय में इस तरह का सम्मान व मदद मिलना बहुत सुखद और प्रेरणादायक है।– शौर्य सैनी, शूटर व छात्र, एसआरएचयू