कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए जिला रैडक्रास सोसायटी देहरादून द्वारा तीसरी लहर से बचाव के लिए २०व२१ जनवरी को रैडक्रास सोसायटी ने अपने सक्रिय सदस्यों की दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन जिला रैडक्रास सोसायटी उत्तराखंड के सभागार में आयोजित की गई। कार्यशाला का शुभारंभ चैयरमेन डॉ एम एस अंसारी तथा समापन के विशिष्ट अतिथि वाइस चेयरमैन सुभाष सिंह चौहान द्वारा किया गया। कार्यशाला का सफल संचालन जिला रैडक्रास सोसायटी देहरादून की सचिव श्रीमती कल्पना बिष्ट द्वारा किया गया। कार्यशाला में प्रतिदिन ३०-३०सक्रिय सदस्यों ने प्रतिभाग किया कार्यशाला में प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए चैयरमेन, वाइस चेयरमैन द्वारा कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के लिए शासन प्रशासन से जारी निर्देशों का पालन करने के साथ साथ जनजागरण के माध्यम से अपने आप को बचाते हुए अपने अपने क्षेत्रों में कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के लिए प्रेरित करने, तथा आपातकालीन अथवा लाॉकडाउन की स्थिति के लिए हर समय तैयार रहने के आह्वान किया सचिव श्रीमती कल्पना बिष्ट द्वारा अवगत कराया गया कि राज्य शाखा से प्राप्त बचाव सामग्री का उपयोग जरूरतमंद लोगों में ही किया जाय। दो दिवसीय कार्यशाला में सदस्यों ने सुझाव दिया कि कोरोना की तीसरी लहर में जिन सदस्यों की डियूटी लगाईं जाए उनके लिए आईं डी कार्ड दिए जाएं, सदस्यों की ओर से कहा गया कि रैडक्रास सोसायटी की ओर से दूर दराज के इलाकों में प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जाए, बैठक के समापन पर सचिव द्वारा दो दिवसीय कार्यशाला में उपस्थित सदस्यों से अपील की कि जिस प्रकार कोरोना की पहली दूसरी लहर में आप लोगों ने सक्रिय भागीदारी निभाई उसी प्रकार हम सब मिलकर तीसरी लहर का सामना कर मानवता के लिए कार्य करेंगे।दो दिन की कार्यशाला में मुख्य रूप से श्री अनिल वर्मा, मोहन खत्री, श्रीमती पद्मिनी मल्होत्रा, विकास गुप्ता, सदस्य जिला मैनेजमेंट कमेटी के अलावा श्री जितेन्द्र भुटिया,विजय बहादुर, डॉ असरफ , डॉ पाहवा, श्रीमती लक्ष्मी पुनेठा, कल्पना सैनी, मालती अग्रवाल,कासीफ हुसैन,अनील कौशिक, कार्यालय प्रभारी श्रीमती रुपाली शर्मा आदि द्वारा सुझाव दिय । अंत में जिला चैयरमेन डॉ एम एस अंसारी ने एक जुट होकर सभी से तीसरी लहर के चलते अहम भूमिका निभाने के आह्वान के साथ कार्यशाला का समापन किया। कार्यशाला के अंत में मैनेजमेंट कमेटी सदस्यों व सदस्यों को मास्क, थर्मल गन,आॉक्सीमीटर व गाउन अपने अपने क्षेत्रों में कोरोना की तीसरी लहर से बचाव हेतु दिए गए।