श्री अमित शाह ने कहा कि कंप्यूटराइजेशन और टेक्नोलॉजी से पैक्स में पारदर्शिता आएगी, सहकारिता का जमीनी स्तर पर विस्तार होगा और ये महिलाओं और युवाओं के रोजगार का माध्यम भी बनेगा। उन्होंने कहा कि पैक्स, कृषि संसाधनों की सरल उपलब्धता भी सुनिश्चित करेगा। श्री शाह ने कहा कि हमारी तीन नई राष्ट्रीय स्तर की कोऑपरेटिव्स के माध्यम से पैक्स, ऑर्गेनिक उत्पादों, बीजों और एक्सपोर्ट के साथ किसानों की समृद्धि के रास्ते भी खोलेगा। उन्होंने कहा कि इससे सामाजिक और आर्थिक समानता भी आएगी क्योंकि नए मॉडल बायलॉज में महिलाओं, दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों की भागीदारी सुनिश्चित की है, जिससे सामाजिक समरसता भी बढ़ेगी।_____केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने लक्ष्य रखा है कि अगले पांच साल में 2 लाख नए पैक्स का गठन करेंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि 5 साल से पहले ही हम दो लाख पैक्स का गठन कर लेंगे। उन्होंने बताया कि पहले चरण में नाबार्ड 22,750 पैक्स और दूसरे चरण में 47,250 पैक्स बनाएगा, इसी प्रकार एनडीडीबी 56,500 नई समितियाँ बनाएगा और 46,500 मौजूदा समितियों को सुदृढ़ बनाएगा। एनएफडीबी 6,000 नई मत्स्य सहकारी समितियाँ बनाएगा और 5,500 मौजूदा मत्स्य सहकारी समितियों का सशक्तिकरण करेगा। इनके अलावा राज्यों के सहकारी विभाग 25000 पैक्स बनाएंगे। श्री शाह ने कहा कि नए मॉडल बायलॉज के साथ अब तक 11,695 नई प्राथमिक सहकारी समितियां पंजीकृत हुई हैं, जो हमारे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि 2 लाख नए पैक्स बनने के बाद फॉरवर्ड और बैकवर्ड लिंकेजेस के माध्यम से किसानों की उपज को वैश्विक बाजार में पहुंचाना बड़ा सरल हो जाएगा।