भू कानून पर भाजपा खुद से प्रस्तुत करें उदाहरण: रीजनल पार्टी
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी को नसीहत देते हुए कहा कि पहले भाजपा अपनी अवैध जमीन को सरकार में निहित करें, तब भू कानून पर प्रवचन दे।
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल ने दस्तावेजों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने रिंग रोड पर चाय बागान की साढे सोलह बीघा जमीन को करोड़ों रूपए की कीमत पर खरीदा।
पार्टी के तत्कालीन पदाधिकारियों ने भू माफिया से औने-पौने दाम पर जमीन खरीद कर करोड़ों रुपए महंगी कीमत पर अपनी ही पार्टी को यह जमीन बेच दी। तत्कालीन कोषाध्यक्ष अनिल गोयल ने यह भूमि भू माफियाओं से खरीद कर अपनी पार्टी को बेचकर करोड़ों रुपए का चूना लगाया। रजिस्ट्री में भी प्रथम साक्षी के रूप में अनिल गोयल के ही हस्ताक्षर है।
जबकि चाय बागान की भूमि की रजिस्ट्री नहीं हो सकती। यह भूमि रजिस्ट्री होते ही स्वतः ही सरकार में निहित हो जाती है।
सेमवाल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष बिशन सिंह चौहान ने वर्ष 2011 में इस भूमि की रजिस्ट्री कराई थी। लेकिन दोबारा भाजपा की सरकार आने तक वर्ष 2017 तक इस जमीन का म्यूटेशन नहीं हो पाया।
भाजपा की सरकार बनते ही अवैध दस्तावेजों के सहारे फर्जीवाड़े से इस भूमि का म्यूटेशन किया गया तथा अधिकारियों पर दबाव डालकर म्यूटेशन कराया गया। इसके पश्चात 17 अक्टूबर वर्ष 2020 में तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष भाजपा जेपी नड्डा के माध्यम से इस भूमि पर भाजपा प्रदेश कार्यालय का शिलान्यास भूमि पूजन कराया गया। भूमि पूजन कार्यक्रम के भी संयोजक अनिल गोयल ही थे।
किंतु तब से लेकर अभी तक भारतीय जनता पार्टी ने इस पर अपना प्रदेश कार्यालय नहीं बना सका है, क्योंकि भाजपा नेताओं को भी अंदर खाने यह एहसास है कि यह भूमि चाय बागान की है और सरकार में निहित हो सकती है।
रीजनल पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजय डोभाल ने कहा कि यदि भारतीय जनता पार्टी की यह भूमि सही दस्तावेजों के आधार पर खरीदी गई है तो इस पर अभी तक प्रदेश कार्यालय क्यों नहीं बन पाया ! और यदि यह भूमि अवैध खरीदी गई है तो फिर यह भूमि सरकार में निहित क्यों नहीं हो रही !!
संजय डोभाल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा खरीदी गई भूमि की आड़ मे ही भू माफिया इस इलाके में जमीनों की अवैध खरीद प्राप्त कर रहे हैं, जबकि हाई कोर्ट के आदेशों के बाद से इस भूमि की खरीद फरोख्त पर रोक लगी हुई है ।
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल ने बताया कि 29 अक्टूबर 2022 को तत्कालीन अपर कलेक्टर प्रशासन डॉक्टर शिव कुमार बरनवाल ने अपने आदेश में तहसील के अधीनस्थ कर्मचारियों पर भू माफिया से मिली भगत करके अवैध कब्जे कराने और अवैध निर्माण कराने का जिम्मेदार ठहराते हुए अतिक्रमण हटाने और कार्यवाही करनी के आदेश दिए थे किंतु इस आदेश को भी अधीनस्थ कर्मचारियों ने रद्दी की टोकरी में डाल दिया और अवैध जमीनों की खरीद फरोख्त लगातार जारी है।
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी में इस बात के लिए आक्रोश बताया कि न तो भाजपा की यह जमीन भू कानून के तहत सरकार में निहित की गई है, न ही अवैध कब्जे करने वाले अधिकारियों का कोई कार्यवाही हो रही है और न ही भाजपा ने अवैध भूमि खरीदने वाले अपने पदाधिकारियों के खिलाफ कोई एक्शन लिया है ।
इससे भू माफिया के हौसले बुलंद है और सरकारी भूमि बड़े पैमाने पर खुर्द बुर्द की जा रही है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजय डोभाल, सुरेंद्र सिंह चौहान तथा विनोद कोटियाल आदि पदाधिकारी भी शामिल थे।