प्रदेश के समस्त शिक्षक शिक्षिकाओं को प्रणाम
साथियों शीघ्र ही जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ उत्तराखंड के चुनाव संपन्न होने जा रहे हैं। निर्वाचन होना एक लोकतांत्रिक परम्परा है निश्चित रूप से चुनाव होने चाहिए लेकिन हमें किसे चुनना है इस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है अक्सर हम क्षेत्रवाद , जातिवाद, दोस्त होने के चलते, सहपाठी होने के चलते,जिले का होने के चलते वोट करते हैं जो कि एक ग़लत परम्परा है, किसी भी जाति का होने के चलते, क्षेत्र का होंने के चलते क्या वह व्यक्ति सिर्फ उन्हीं जाति या क्षेत्र के लोगों के लिए शासनादेश करवा सकता है नहीं करवा सकता फिर हम ऐसा क्यों करते हैं, हमें ऐसे व्यक्ति को चुनना चाहिए जो शिक्षकों की समस्याओं का समाधान करा सके।______दूसरी बात संगठन की राजनीति में भाषा की मर्यादा का भी ध्यान रखा जाना चाहिए, मैं what’s up पर ऐसे ऐसे मैसेज देख रहा हूं जो एक अध्यापक की मर्यादा के अनुरूप बिल्कुल भी नहीं है ये चुनाव कुछ दिन का होता है ऐसे में हमें अपने आपसी संबंधों को नहीं बिगाड़ना चाहिए आदमी का असली सम्मान तब दिखता है जब वह पद से हट जाता है पद पर रहते हुए तो सभी सलाम करते हैं।______मैं समस्त उत्तराखंड के शिक्षको से अपील करता हूं कि आगामी प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ उत्तराखंड के चुनाव को शांति पूर्ण तरीके से संपन्न करायें इस हेतु जहां पर भी मेरी आवश्यकता होगी मैं हमेशा शिक्षक साथियों के साथ खड़ा रहूंगा।
सुभाष चौहान
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष
जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ उत्तराखंड