महाविद्यालय श्री विश्वनाथ संस्कृत स्नातकोत्तर महाविद्यालय का निरीक्षण किया

उत्तरकाशी, 06 नवंबर 2024____सचिव संस्कृत शिक्षा, जनगणना एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग श्री दीपक कुमार ने जिला मुख्यालय में स्थित उत्तराखंड संस्कृत शिक्षा के अन्तर्गत संचालित संस्कृत महाविद्यालयों में से एक सबसे बड़े महाविद्यालय श्री विश्वनाथ संस्कृत स्नातकोत्तर महाविद्यालय का निरीक्षण किया।
____शिक्षकों एवं प्रबन्धन के द्वारा शिक्षकों को नियमित किए जाने का आग्रह किया गया। जिस पर सचिव संस्कृत शिक्षा के द्वारा आश्वस्त किया गया कि शिक्षकों के हितों के लिए एवं संस्कृत शिक्षा को आम जन तक पहुंचाने के लिए शासन की क्रियाशीलता गतिमान है।
उत्तराखंड के सभी जनपदों में एक एक गांव चिन्हित कर लिया गया है जिन्हें संस्कृत ग्राम ग्राम घोषित कर लिया गया है।
उत्तरकाशी के मोरी विकास खण्ड के कोट गांव को संस्कृत ग्राम के लिए घोषित कर लिया गया है।
संस्कृत की व्यापकता के लिए बालकों के साथ ही बालिकाओं को संस्कृत शिक्षा अधिकाधिक दिये जाने की आवश्यकता है छात्रों का शिक्षण संस्कृत माध्यम से ही हो , छात्र संस्कृत समाचार पत्र को पढ़ें एवं समाचार सुनें , जिससे उनकी संभाषण प्रवीणता में वृद्धि हो सकेगी।
आगामी आने वाले वर्षों में संस्कृत महाविद्यालयों में विज्ञान एवं गणित विषयों को पढ़ाने के लिए स्वीकृति प्रदान की जाएगी जिससे छात्रों को उनकी रूचि के अनुसार शिक्षा प्राप्त हो सकेगी व आजीविका के क्षेत्र में जाने में भी सुलभता रहेगी।
प्रधानमंत्री मोदी जी के द्वारा एक कार्यक्रम में संस्कृत की महत्ता पर उद्बोधन दिया गया, जिसे सचिव संस्कृत शिक्षा के द्वारा प्रधानमंत्री के शब्दों को उद्धृत करते हुए हजारों वर्षों से चली आ रही संस्कृत भाषा की शक्ति का आधार पाणिनि व्याकरण की सर्वोच्चता को बताया। ऐसा व्याकरण किसी अन्य भाषा के पास नहीं है।
सचिव संस्कृत शिक्षा ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है देवभाषा ही उसका आधार है जिसे जन जन तक पहचाने की जिम्मेदारी संस्कृतज्ञों की है।
विद्यालय प्रबंधन समिति, प्राचार्य, प्रधानाचार्य, शिक्षक एवं छात्रों ने सचिव महोदय के विद्यालय में आने पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखंड के इतिहास में प्रथम बार संस्कृत सचिव हमारे विद्यालय में आये हैं।___सहायक निदेशक पूर्णानन्द भट्ट,प्रबन्धक डॉ राधेश्याम खण्डूडी , प्राचार्य डॉ द्वारिका प्रसाद नौटियाल, प्रधानाचार्य
जगदीश प्रसाद उनियाल एवं सभी छात्र उपस्थित रहे।

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