उत्तराखंड जल विद्युत निगम के एमo डीo संदीप सिंघल के सेवा विस्तार पर सरकार की मेहरबानी के खिलाफ उक्रांद न्यायालय जाएगा
देहरादून 16-08-2024: उत्तराखंड जल विद्युत निगम के एमo डीo संदीप सिंघल के दो दो सेवा विस्तार पर सरकार की मेहरबानियों के खिलाफ उक्रांद न्यायलय की शरण में जायेगा। सिंघल को सरकार पूर्व में 1फरवरी 2023 को एक वर्ष छः महीने का विस्तार दे चुकी है। उस समय भी नई नियुक्ति के लिए सरकार व विभाग द्वारा कोई विज्ञप्ति जारी नहीं की।
पुनः सेवा विस्तार सरकार द्वारा दो वर्ष के लिए उनके सेवानिवृत अवधि दिनांक 30 -06-2024 से पूर्व लोकसभा चुनाव -2024 के अधिसूचना से एक दिन पूर्व सेवा विस्तार 15 मार्च 2024 को किया गया है।ऐसी क्या मज़बूरी सरकार की थी कि 3माह पूर्व सेवा विस्तार का आदेश किया गया जबकि आचार सहिंता जून के प्रथम सप्ताह में ख़त्म हो जाना था लेकिन धामी कि जीरो टोलरेन्स सरकार का भ्रष्ट प्रणाली का उदाहरण है
इस बार भी नई नियुक्ति हेतु प्रबंध निदेशक पद हेतु कोई विज्ञप्ति नहीं निकली।लोक सूचना अधिकार के तहत ज़ब शासन से सूचना मांगी गयी तो ऊर्जा विभाग द्वारा स्पष्ट वित्त विभाग की रिपोर्ट है कि प्रबंध निदेशक पद के चयन हेतु कोई व्यवस्था नहीं की गयी है, इसलिए श्री सिंघल को सेवा विस्तार दिया गया है। जबकि सरकार द्वारा नहीं चयन हेतु कोई विज्ञप्ति जारी नहीं की। ऐसे में उपयुक्त उम्मीदवार कैसे उपलब्ध होगा। अर्थात सरकार और सिंघल के बीच कही न कही आपकी घालमेल है। यही नहीं कार्मिक विभाग नें भी सिंघल के सेवा विस्तार टिप्पड़ी पर स्पष्ट आख्या दी है कि पूर्व में इनको सेवा विस्तार दिया गया है, अब दिनांक 30 जून 2024को रिटायर के पश्चात् सेवा विस्तार बढ़ाये जाने का कोई आधार और औचित्य प्रतीत नहीं होता है।
महोदय बड़ा खेल संदीप सिंघल के सेवा विस्तार पर खेला गया है जिससे स्पष्ट होता है कि भ्रष्टाचारी समझौता हुआ है जिसमें लेनदेन होना स्पष्ट है। इन सब सवालों को लेकर उक्रांद न्यायलय जायेगा।क्योंकि विभिन्न विभागों के मुखिया (प्रबंध निदेशक) पदों का सेवा विस्तार होना तथा बिना विज्ञप्ति निकाले उपयुक्त उम्मीदवार का उपलब्ध न होना दर्शाना धामी सरकार का भ्रष्टाचारी खेल है।….मनोरथ प्रसाद ध्यानी
केन्द्रीय महामंत्री/कार्यालय प्रभारी