एसआरएचयू जौलीग्रांट के स्टूडेंट्स को मिलेगा पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज का साथ


एसआरएचयू जौलीग्रांट के स्टूडेंट्स को मिलेगा पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज का साथ
-स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय जौलीग्रांट व पीएचडीसीसीआई के बीच एमओयू
-विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को मिलेगा इसका फायदा, मिलेगी इंडस्ट्री ट्रेनिंग व ग्रोथ
-1905 में स्थापित पीएचडी चैम्बर भारत में इंडस्ट्री का सबसे बड़ा कंसोर्टियम, लाखों उद्योग हैं जुड़े

डोईवाला- स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय जौलीग्रांट के छात्र-छात्राओं को इंडस्ट्री ट्रेनिंग और करियर ग्रोथ में पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (पीएचडीसीसीआई) का सहयोग मिलेगा। दोनों संस्थानों के बीच एक विशेष एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।

स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जौलीग्रांट के अध्यक्ष डॉ.विजय धस्माना के दिशा-निर्देशन में कुलपति डॉ.राजेंद्र डोभाल की मौजूदगी में कुलसचिव डॉ.मुकेश बिजल्वाण और पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (पीएचडीसीसीआई) के कार्यकारी निदेशक डॉ. रंजीत मेहता ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

इस अवसर पर कुलपति डॉ. राजेन्द्र डोभाल ने कहा कि इस एमओयू से पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स की विशेषज्ञता और संसाधनों का लाभ विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को मिलेगा। इसके तहत सेमिनार, कार्यशाला और औद्योगिक प्रशिक्षणों के आयोजनों के माध्यम से छात्रों को उद्योग और शैक्षणिक जगत के बीच की दूरी को कम करने के अवसर मिलेंगे।

पीएचडीसीसीआई के कार्यकारी निदेशक डॉ. रंजीत मेहता ने बताया कि पीएचडीसीसीआई पूरे देश में आईपीआर यात्रा आयोजित कर रही है, जिसका उद्देश्य बौद्धिक संपदा अधिकारों (आईपीआर) के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। इस एमओयू के तहत एसआरएचयू में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

एसआरएचयू के महानिदेशक (शैक्षणिक विकास) डॉ.विजेंद्र चौहान ने कहा की इस समझौते के माध्यम से उद्योग जगत भी विश्वविद्यालय के फैकल्टी सदस्यों की विशेषज्ञता का लाभ उठा सकेगा। कुलसचिव डॉ.मुकेश बिजल्वाण ने कहा कि इससे विश्वविद्यालय के शिक्षण और शोध कार्य को भी नई प्रेरणा मिलेगी।

कार्यक्रम का समन्वय डॉ.अपूर्व त्रिवेदी ने किया। इस अवसर पर डॉ.बिंदु डे, डॉ.संचिता, डॉ.मोहित वर्मा, डॉ.प्रमोद कुमार, डॉ.संजय गुप्ता, डॉ.अजय दुबे, डॉ.गणेश एवं पीएचडीसीसीआई के पदाधिकारी डॉ.जतिंदर सिंह, राजीव घई, हेमंत कोच्चर एवं विशाल काला आदि मौजूद रहे।

एमओयू से ऐसे मिलेगा स्टूडेंट्स को फायदा
कार्यक्रम के समन्वयक डॉ.अपूर्व त्रिवेदी ने बताया की पीएचडी चैम्बर की स्थापना 1905 में हुई। यह भारत में इंडस्ट्री का सबसे बड़ा कंसोर्टियम है। इससे लाखों छोटे एवं बड़े जुड़े हुए हैं। इस करार के मध्यम से विश्वविद्यालय के शिक्षक तथा विद्यार्थी पीएचडी चैंबर से जुड़ी विभिन्न औद्योगिक इकाइयों में उच्च ट्रेनिंग प्राप्त कर सकते हैं।

एसआरएचयू से जुड़े हैं देश-दुनिया के कई नामी प्रतिष्ठित संस्थान
स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के साथ देश-दुनिया के नाम प्रतिष्ठित शैक्षणिक व व्यवसायिक संस्थान जुड़े हैं। इसमें बिजनेस कॉलेज (आईबीसी) डेनमार्क, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) रुडक़ी, ग्लोबल हेल्थ एलायंस (जीएचए) यूनाइडेट किंगडम, लौरिया फिनलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ एपलाइड साइंसेज, जर्मनी की रॉसटॉक यूनिवर्सिटी, उत्तराखंड सरकार के अधीन उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यूसैक), हिमाचल प्रदेश पालमपुर में स्थित सीएसआईएर- इंस्टिट्यूट ऑफ हिमालयन बायोरिसोर्स टेक्नोलॉजी, इंडियन सोसाइटी फॉर ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट (आईएसटीडी) सहित कौशल विकास के क्षेत्र में काम कर रहे लर्न-इट जैसी नामी संस्थान शामिल हैं।