दुनिया भर में 10 में से 1 युवा डायबिटीज से पीड़ित- 90 प्रतिशत से अधिक लोगों को टाइप 2 डायबिटीज


दुनिया भर में 10 में से 1 युवा डायबिटीज से पीड़ित
– 90 प्रतिशत से अधिक लोगों को टाइप 2 डायबिटीज
डोईवाला……. विश्व मधुमेह दिवस पर हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइसेज जौलीग्रांट की ओर से जागरुकता अभियान चलाया गया। इस दौरान लोगों के बीच स्वस्थ जीवन शैली का बढ़ावा देने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया।
मंगलवार को हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांसेज जौलीग्रांट के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग की ओर से ग्रामीण स्वास्थ्य एवं प्रशिक्षण केन्द्र गौहरी माफी में आयोजित मधुमेह जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। विभागाध्यक्ष डॉ. अशोक श्रीवास्तव ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जो शरीर को खोखला बना देती है। रिपोर्ट्स की मानें तो दुनिया भर में 10 में से 1 युवा मधुमेह यानि डायबिटीज का शिकार है। 90 प्रतिशत से अधिक लोगों को टाइप 2 डायबिटीज है, जबकि आधे से ज्यादा लोगों को डायबिटीज के बारे में पता ही नहीं है। स्वस्थ आदतों को अपनाने से टाइप 2 डायबिटीज और उसके होने वाली गंभीर समस्याओं को रोका जा सकता है। विश्व मधुमेह दिवस पर पूरी दुनिया में जागरूकता बढ़ाने का काम किया जाता है। डायबिटीज के जोखिम और रोकथाम, समय पर पहचान और इलाज के बारे में लोगों को जागरुक किया जाता है। डॉ. अभय श्रीवास्तव ने कहा कि मधुमेह एक चिकित्सीय बीमारी है जिसमें रक्त शर्करा या ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है जो हानिकारक है। डॉ. नेहा शर्मा ने लोगों को मधुमेह के जोखिम कारकों जैसे अधिक वजन, शारीरिक निष्क्रियता, सप्ताह में 3 बार से कम व्यायाम करना, उच्च रक्तचाप, उपवास ग्लूकोज या बिगड़ा हुआ ग्लूकोज के बारे में बताया। डॉ. निकिता मौर्य, डॉ. ट््विंकल, डॉ. फैय्याज अहमद, डॉ. ऋषभ और डॉ. दीपा ने भी लोगों को डायबिटीज के बारे में जागरूक किया। इसके अतिरिक्त जिसमें डॉ. चिराग जोशी और डॉ. अवनी गुप्ता ने विश्व मधुमेह दिवस पर वैश्विक और राष्ट्रीय स्तर पर मधुमेह के बोझ, राष्ट्रीय कार्यक्रम एनपीसीडीसीएस, मधुमेह ऐप्स और मधुमेह अनुसंधान में नवीनतम प्रगति पर प्रकाश डाला। जिसमें बढ़ती महामारी को रोकने में सामुदायिक जागरूकता की भूमिका पर जोर दिया गया।