शबरी के कैसे बैर है मीठे

शबरी के कैसे बैर है मीठे रसवाले, इनके तुल्य और सब भोजन लगते मुझको प्यारे -राम* राजपुर, देहरादून- श्री आदर्श रामलीला ट्रस्ट राजपुर द्वारा आयोजित 74 वे श्री रामलीला महोत्सव में रावण द्वारा षड्यंत्र कर पंचवटी से सीता का हरण कर लिया गया, जिसका वृतांत जटायू से सुन कर रावण वध का संकल्प लेकर दिवंगत जटायु का अंतिम संस्कार कर उद्घार किया। सीता की खोज में राम और लक्ष्मण वनों में भ्रमण करते हुए शबरी की कुटिया पर पहुंचे जहां वर्षों से श्री राम की प्रतीक्षा कर रही शबरी द्वारा श्री राम और लक्ष्मण का गर्म जोशी से स्वागत किया गया। शबरी के परामर्श पर श्रीराम लक्ष्मण के साथ अपने बड़े भाई बाली से डरें सहमें पर्वत कंदराओं में छिपे बैठे सुग्रीव और उनके मंत्री हनुमान से मिले। सुग्रीव से मित्रता के बाद श्रीराम द्वारा बाली का वध कर सुग्रीव के कष्टों का निवारण किया। श्री राम ने बाली वध के बाद सुग्रीव को किष्किन्धा का राजा घोषित किया। इस प्रकार भक्त और भगवान के मिलन स्वरुप श्री राम और हनुमान का मिलन हुआ।तत्पश्चात बानर सेना के साथ सीता की खोज शुरू की गई। वानर सेना चारों दिशाओं में सीता की खोज में चारों दिशाओं में निकल पड़े। सीता की खोज में निकले हनुमान को जामवंत द्वारा उनकी शक्ति का स्मरण कराने के बाद हनुमान विशाल संमुद्र को लांघकर श्री हनुमान लंका पहुंचे गये, जहां श्री हनुमान की प्रथम भेंट लंकेश रावण के अनुज विभीषण से हुई और ईश्वर भक्त विभिषण द्वारा सीता का स्थान तथा अन्य गुप्त जानकारी भी हनुमान को उपलब्ध कराई । ‌
श्री आदर्श रामलीला ट्रस्ट के डायरेक्टर श्री शिवदत्त, चरण सिंह तथा योगेश अग्रवाल के प्रभावी निर्देशन में सीता की खोज,शबरी भेंट, सुग्रीव मित्रता,बाली वध, अक्षय कुमार वध तथा लंका दहन की अतिमार्मिक लीला का मंचन कलाकारों द्वारा कर श्रृद्धालु दर्शकों के हृदय पर गहरा प्रभाव पडा
श्री आदर्श रामलीला ट्रस्ट के संरक्षक जयभगवान साहू, प्रधान योगेश अग्रवाल, मंत्री अजय गोयल, कोषाध्यक्ष , श्रवण अग्रवाल,वेद साहू, उपमंत्री अशोक साहू, आडिटर ब्रह्मप्रकाश वेदवाल, संजय धीमान,अमन अग्रवाल, डॉ विशाल अग्रवाल, मोहित अग्रवाल,अमन कन्नौजिया, करन कन्नौजिया,निशांत गोयल विभू वेदवाल,आदि के सक्रिय सहयोग से वनवास लीला भारी संख्या में दर्शकों की उपस्थिति में संपन्न हुई।
निवेदक-
योगेश अग्रवाल प्रधान -श्री आदर्श रामलीला ट्रस्ट राजपुर, देहरादून।