उत्तराखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र के दूसरे दिन लंच के बाद अनुपूरक बजट पेश किया गया. 11,321 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया गया. इसके साथ ही 2022 की कैग रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी गई.

उत्तराखंड में 11321 करोड़ का पूरक बजट,2022 की कैग रिपोर्ट भी सदन में
DHAMI GOVERNMENT PRESENTED SUPPLEMENTARY BUDGET OF RS 11321 CRORE IN MONSOON SESSION of uttarakhand assembly,CAG REPORT TABLED
उत्तराखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र के दूसरे दिन लंच के बाद अनुपूरक बजट पेश किया गया. 11,321 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया गया. इसके साथ ही 2022 की कैग रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी गई.

देहरादून 06 सितंबर। उत्तराखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र के दूसरे दिन भी विपक्ष ने सदन के बाहर और अंदर अपने तेवर दिखाए. विपक्ष ने सत्र के दिन बढ़ाने की मांग की है. इसी बीच आज सदन में 11,321 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट भी प्रस्तुत किया गया. जिसमें करीब 3,530 करोड़ रुपए राजस्व एवं 7,790 करोड़ रुपए पूंजीगत व्यय का प्रस्ताव है. इस दौरान सदन में कई विधेयक भी रखे गए.
दरअसल, आज मॉनसून सत्र के दौरान वार्षिक लेखा परीक्षा प्रतिवेदन वर्ष 2014-15 से वर्ष 2021-22 को सदन के पटल पर रखा गया. इसके अलावा उत्तराखंड भू संपदा नियामक प्राधिकरण का वार्षिक प्रतिवेदन 2019-20 से 2020-21 को सदन के पटल पर रखा गया. उत्तराखंड पेयजल संसाधन विकास एवं निर्माण निगम की वित्तीय वर्ष 2019 से 2021 की बैलेंस शीट भी सदन में रखी गई.

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इसके अलावा उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग का वार्षिक लेखा विवरण,2022 की कैग रिपोर्ट,उत्तराखंड सेवा का अधिकार आयोग की एटीआर और यूपीसीएल की 2020 से 2022 का वार्षिक लेखा विवरण सदन के समक्ष रखा गया.
सत्र में उत्तराखंड (संयुक्त प्रांतीय रक्षक दल अधिनियम 1948) संशोधन अध्यादेश 2023,उत्तराखंड निवेश और आधारित संरचना अध्यादेश 2023 और उत्तराखंड माल एवं सेवा कर संशोधन अध्यादेश 2023 सदन के पटल पर रखा गया. सदन में विपक्षी नेताओं के कई सवालों के सरकार ने सदन में जवाब दिये.

अनुपूरक बजट 2023-24 के मुख्य बिंदु-
इस वित्तीय वर्ष में 77,407 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान है. राजस्व मद में 52,748 करोड़ और पूंजीगत 24,659 करोड़ रुपए प्राविधानित है.पिछले वर्ष का कुल बजट 65,571 करोड़ का प्रावधान था.इसके अलावा प्रथम अनुपूरक मांग 5,440 करोड़ की थी.इसमें राजस्व 2,276 करोड़ और पूंजीगत 3,164 करोड़ रुपए था.वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए प्रथम अनुपूरक मांग के अंतर्गत कुल बजट प्रावधान करीब 11,321 करोड़ रुपए है.जिसमें करीब 3,530 करोड़ राजस्व और 7,790 करोड रुपए पूंजीगत का प्रस्ताव है.
बजट प्रावधान के मुख्य बिंदु-
केंद्रीय पोषित योजना (सीएसएस) में करीब 3,000 करोड़ रुपए, नाबार्ड में 2,86 करोड़ रुपए,बाह्य सहायतित योजना (ईएपी) में 3,31 करोड़ रुपए,राज्य पोषित योजनाओं में 3,200 करोड़ रुपए और स्थानीय निकायों को समनुदेशन के लिए 157 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. जिसमें नगर निगमों को 38 करोड़, नगर पालिकाओं को 23 करोड़, नगर पंचायतों को 10 करोड़, जिला पंचायतों को 45 करोड़, क्षेत्र पंचायतों को 11 करोड़ और ग्राम पंचायतों को 28 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.वहीं, पूंजीगत परिव्यय में 3,290 करोड़ रुपए का प्रावधान है.
प्रमुख पूंजीगत योजनाओं में किए गए प्रावधान-
भारत सरकार से अवस्थापना कार्यों के निर्माण को मिलने वाली धनराशि में 600 करोड़ रुपए, जल जीवन मिशन के अंतर्गत पूंजीगत कार्यों को 765 करोड़ रुपए तथा आवास एवं शहरी विकास में अवस्थापना सुदृढ़ीकरण को 321 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.लोक निर्माण विभाग में टिहरी झील के चारों ओर रिंग रोड निर्माण आदि के लिए भूमि अधिग्रहण हेतु 156 करोड़ रुपए की व्यवस्था है.पार्किंग के निर्माण को 135 करोड़ रुपए प्रावधानित है.समग्र शिक्षा को 128 करोड़ रुपए मिलेंगे.लोक निर्माण विभाग की आरआईडीएफ योजना में 100 करोड़ रुपए, हरिद्वार मेडिकल कॉलेज के निर्माण को 100 करोड़,रूफ टॉप सोलर सयंत्र और स्ट्रीट लाइट को 67 करोड़ रुपए, मुख्यमंत्री आंगनबाड़ी भवन निर्माण को 50 करोड़ रुपए,यूनिटी मॉल/प्लाजा के निर्माण को 50 करोड़ रुपए, ऋषिकेश को योग नगरी के रूप में विकसित करने को 30 करोड़ रुपए,.हरिद्वार को पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने को 25 करोड़ रुपए, नगरीय अवस्थापना सुविधाओं के विकास को 36.50 करोड़ रुपए,अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं के विकास को 35 करोड़ रुपए, स्पोर्टस स्टेडियम के निर्माण के लिए 20 करोड़ रुपए,स्टेट कैंसर संस्थान हल्द्वानी को 20 करोड़ रुपए, कारागार और आवासीय भवनों के निर्माण को 18 करोड़ रुपये, अनुसूचित जनजाति बाहुल्य क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं के विकास को 17 करोड़ रुपए,कृषि उत्पादों के विपणन और अवस्थापना सुविधाओं के विकास को 12.45 करोड़ रुपए, पुलिस विभाग के आवासीय/अनावासीय भवनों के निर्माण 12 करोड़ रुपए, पंचायत भवन और बस अड्डों के निर्माण को 10-10 करोड़ रुपए,टाटा टेक्नोलॉजी के अनुसार आईआईटी के उन्नयन को 7 करोड़ रुपए जबकि, राजस्व व्यय में 3,530 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है.
प्रमुख राजस्व योजनाओं में किए गए प्रावधान-

सड़कों के अनुरक्षण में 300 करोड़ रुपए, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन को 297 करोड़ रुपए, खाद्यान्न सब्सिडी को 284 करोड़ रुपए, आपदा विभाग में एसडीआरएफ में 218 करोड़ रुपए, अटल आयुष्मान योजना में 200 करोड़ रुपए,प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में 190 करोड़ रुपए तो राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान को 120 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है.जोशीमठ आपदा प्रभावित क्षेत्र के प्रबंधन के लिए मूल बजट में 1000 करोड़ रुपए का प्रावधान था. इसके अलावा अनुपूरक बजट में 100 करोड़ रुपए का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है.वन विभाग की कैंपा योजना में 100 करोड़ रुपए, नंदा गौरा को 95 करोड़ रुपये,निशुल्क पाठ्य पुस्तक योजना में 68 करोड़ रुपए, स्वच्छ भारत मिशन में 36 करोड़ रुपए,.प्रमोशन ऑफ इंवेस्टमेंट, स्टार्टअप और एंटरप्रेन्योरशिप को 25 करोड़ रुपए, ईजा बोई शगुन योजना को 10 करोड़ रुपए, मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना को 8 करोड़ रुपए,दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता कल्याण योजना को 10 करोड़ रुपए, गौ संरक्षण को बढ़ावा देने को 8 करोड़ रुपए, पशुपालन में साइलेज पशुपोषण योजना को 7 करोड़ रुपए,.गौ सदनों की स्थापना को 5 करोड़ रुपए और मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना को करीब 5 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.
मुख्यमंत्री घोषणा के अंतर्गत प्रावधान-
जनजातीय संस्कृति के विकास को 1 करोड़ रुपए का कार्पस फंड गठन किया गया है.जनजातीय महोत्सव के आयोजन को 1 करोड़ रुपए,जनजाति युवा खेल महोत्सव को 0.5 करोड़ रुपए,शहरी स्थानीय निकाय सुधार प्रोत्साहन निधि करीब 1 करोड़ तो मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना को 5 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.