हिमालयन हॉस्पिटल जॉलीग्रांट में मिड-टर्म आरएसएसीपी-2023 का आयोजन


हिमालयन हॉस्पिटल जॉलीग्रांट में मिड-टर्म आरएसएसीपी-2023 का आयोजन
-रिसर्च सोसायटी ऑफ एनिस्थिसियोलॉजी क्लीनिकल फार्माकोलॉजी की एक दिवसीय मिड-टर्म राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस आयोजित
-देशभर से करीब 175 विशेषज्ञ चिकित्सक व प्रतिभागियों ने की शिरकत
डोईवालाः हिमालयन हॉस्पिटल जॉलीग्रांट में एक दिवसीय (आरएसएसीपी) रिसर्च सोसायटी ऑफ एनिस्थिसियोलॉजी क्लीनिकल फार्माकोलॉजी (आरएसएसीपी) -2023 की एक दिवसीय मिड-टर्म राष्ट्रीय कॉनफ्रेंस का आयोजन किया गया।

स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) में हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एचआईएमएस) के तत्वावधान में आयोजन समिति की अध्यक्ष डॉ.वीना अस्थाना के दिशा-निर्देशन में आरएसएसीपी-2023 मिड-टर्म कॉन्फ्रेंस में देशभर से 175 डेलीगेट सहित शोधार्थी शामिल हुए।

कुलाधिपति डॉ.विजय धस्माना ने कॉन्फ्रेंस के आयोजकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि चिकित्सा विज्ञान में इस तरह की कॉन्फ्रेंस बेहद महत्वपूर्ण होती हैं और यह मानव जाति की सेवा में सहायक होती हैं।

उद्घाटन मुख्य अतिथि कुलपति डॉ.राजेंद्र डोभाल, महानिदेशक शैक्षणिक विकास डॉ. विजेंद्र चौहान व आरएसएसीपी के अध्यक्ष डॉ. इंद्राणी हेमंत कुमार ने संयुक्त रुप से संस्थापक डॉ.स्वामी राम के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया।

उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कुलपति डॉ.राजेंद्र डोभाल ने कहा कि इस तरह की कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य है कि इस क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञ अपने-अपने अनुभवों को साझा कर सकें ताकि इसका फायदा मरीज को दिया जा सके। डॉ.विजेंद्र चौहान ने कहा कि जरुरत है कि एनेस्थेटिक स्पेशलिस्ट की संख्या बढ़े जिससे बिना किसी समस्याओं के मरीजों को समय पर उचित उपचार मिल सके।

आरएसएसीपी के अध्यक्ष डॉ. इंद्राणी हेमंत कुमार ने फैकल्टी व छात्र-छात्राओं की नॉलेज को अपग्रेड करने के लिए इस तरह की कॉन्फ्रेंस के आयोजन को जरूरी बताया।

आयोजन समिति की अध्यक्ष डॉ.वीना अस्थाना ने बताया कि कॉन्फ्रेंस में एडवांस्ड एयरवे स्किल्स, लेबर एनाल्जेसिया और कम्युनिकेशन स्किल्स पर तीन कार्यशालाएं आयोजित की गई।

इस दौरान डॉ.अशोक देवराड़ी, डॉ. तेज कौल, डॉ. अंजू ग्रेवाल, डॉ. विशाल सिंगला मौजूद रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में आयोजन समिति की सचिव डॉ.दिव्या गुप्ता, डॉ. गुरजीत खुराना, डॉ. पारुल जिंदल, डॉ. निधि कुमार, आदि का विशेष योगदान रहा।