देहरादून@BHVN……….# उत्तराखण्ड बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा बालश्रम एवं बालभिक्षावृति उन्मूलन तथा पुनर्वास पर एक दिवसीय कार्यशाला, आईआरडीटी ऑडिटोरियम, सर्वे चौक में आयोजित की गई। इस मौके पर महिला सशक्तिकरण एवम बाल विकास विभाग की मंत्री रेखा आर्या द्वारा मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की गई।
इस मौके पर मंत्री ने कहा कि कहीं न कहीं बच्चों को बालश्रम में धकेलने के लिए हम ही जिम्मेदार हैं। हम भी समाज को अच्छा बनाने के लिए एक बालश्रम वाले बच्चे को गोद ले सकते हैं, जो कि एक सही समाधान हैं। हमको संकल्प लेना चाहिए ताकि दूसरे लोग भी इससे प्रेरणा लेंगे। कहा की कुछ संस्थाओं में हमने देखा कि वहां बच्चे तो थे लेकिन राशन नहीं था। बच्चों से जब पूछा तो उन्होंने बताया कि आसपास कोई शादी ब्याह हो तो वो लोग खाना दे जाते है। ऐसी संस्थाओं को हमने बंद करवाया तो ऐसा कोई ना करे। संस्था खोली है तो सही काम करें। वहीं इससे पहले आयोग की अध्यक्ष डा.गीता खन्ना द्वारा समस्त अधिकारियों, विभागों, गैर सरकारी समाज सेवी संस्थाओं तथा श्रोतागणों का अभिवादन कर कार्यशाला का शुभारंभ किया गया।जिसमें उनके द्वारा बालश्रम, बालभिक्षावृत्ति उन्मूलन तथा पुनर्वास जैसे गम्भीर मुद्दों पर आयोग स्तर से जागरूकता फैलाये जाने तथा प्रदेश स्तर पर सभी विभागों को एकजुट होकर कार्यवाही किये जाने हेतु अनुरोध किया गया। उन्होने बताया कि बालश्रम और भिक्षावृत्ति अब ऑरगनाईजड माफिया क्राईम न होकर अभिभावकों द्वार प्रेरित है और उसका कारण गरीबी और अज्ञानता, निम्न स्तर की जीवन शैली, रोटी, कपडा और मकान से जूझते जीवन से ज्ञान और आचरण का एक अव्यवाहरिक व्यवहार है। उनके द्वारा अभिरक्षण पर पुर्नवास में कमी को एक बहुत बडा कारण बताया गया। बच्चों के बचाव व पुर्नवास के महत्व पर जोर देते हुये परिवार की सही परामर्श व मार्गदर्शन दिये जाने हेतु जोर दिया गया।
कार्यशाला में बतौर विशिष्ट अतिथि पुलिस महानिदेशक, अशोक कुमार ने ऑपरेशन मुक्ति पर वक्तव्य प्रस्तुत किया। उनके द्वारा कहा गया कि प्रदेश में पुलिस विभाग द्वारा भिक्षावृत्ति एंव बालश्रम की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान के तहत नुक्कड नाटक कराये जाएंगे। साथ ही आयोग के सभी गम्भीर मुद्दो पर सहयोग का आश्वासन दिया गया। पुलिस विभाग एसपी लॉ एण्ड ऑडर द्वारा बालश्रम और बाल कल्याण पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया। कार्यक्रम मे बालश्रम एवं बालभिक्षावृत्ति पर यूथ इन्नोवेशन द्वारा नाट्य प्रस्तुति का मंचन किया गया, जिसे सभी उपस्थित अधिकारियों व श्रोतागणों द्वारा बहुत सराहा गया। कार्यशाला में बालश्रमिकों/भिक्षावृति में लिप्त बच्चों की पहचान व रेड, रेस्क्यू एवं पुनर्वास पर सुरेश उनियाल, राज्स समन्वयक, बचपन बचाओं आन्दोलन व श्रम विभाग द्वारा प्रस्तुतीकरण प्रदान किया गया। शिक्षा विभाग से जगमोहन सोनी, उपनिदेशक माध्यमिक शिक्षा द्वारा प्रस्तुतीकरण दिया गया। ऑपरेशन मुक्ति द्वारा नीरज सेमवाल, सीओ सिटी, (एंटी हयूमन ट्रैफिकिंग युनिट) द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। गायत्री देवी, रेलवे पुलिस फोर्स द्वारा बालश्रमिकों व भिक्षावृति से रेस्क्यू किये गये बच्चों की रिर्पोट सम्बन्धी जानकारी व चुनौतियाँ से अवगत कराया गया।
ममता रौथाण, विधि अधिकारी, उत्तराखण्ड बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा बाल श्रम/भिक्षावृति व अधिनियमों व सरकार द्वारा समय समय पर जारी किये गये नियमों व शासनादेशों की जानकारी प्रदान की गई। डा0 अर्जुन सिंह सेंगर, नोडल अधिकारी, बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम द्वारा असुरक्षित बच्चों की चिकित्सकीय जांच सम्बन्धी जानकारी पर प्रस्तुतीकरण प्रदान किया गया। अंजना गुप्ता, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा बालश्रमिकों व भिक्षावृति से रेस्क्यू किये गये बच्चों व उनके परिवार की काउंसलिंग, पुनर्वास व वात्सल्य योजना पर आतिथि तक की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। कार्यशाला मेें एन0जी0ओ0 के अनुभव तथा उनकी चुनौतियों पर परिचर्चा कार्यक्रम में चाईल्डलाईन से दीपिका पंवार, रेलवे चाईल्डलाईन से गिरीश डिमरी, आसरा ट्रस्ट से अमित बलोदी /अशोक बिष्ट, समर्पण सोसाईटी से मानसी मिश्रा तथा मैक संस्था से शमिना सिद्दकी द्वारा बालश्रमिकों व भिक्षावृति से सम्बन्धित बच्चों के रेस्क्यू व पुनर्वास में आने वाली चुनौतियों को सांझा किया गया। Chief probation officer मोहित चौधरी द्वारा सभी विचारों के मन्तव्य से निकले निष्कर्षो पर क्रियान्वयन हेतु समन्वयन प्लान पर विभागीय बैठक में प्रस्ताव को सार्थक करने का प्रस्ताव दिया गया। उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डा. गीता खन्ना की प्रेरणा व सफल नेतृत्व में आयोजित कार्यक्रम का डा. एसके सिंह, अनुसचिव द्वारा सफल आयोजन किया गया।कार्यशाला में आयोग के सदस्य विनोद कपरवाण, धर्म सिंह सम्मिलित हुये। आयोग के सदस्य विनोद कपरवाण, अधिवक्ता द्वारा कार्यशाला में आये समस्त अधिकारियों, विभागों, गैर सरकारी समाज सेवी संस्थाओं तथा श्रोतागणों का अभिवादन करते हुये विचारों का सारांश प्रस्तुत कर धन्यवाद ज्ञापित किया गया।