टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत तीन सौ रोगियों को गोद लिया
- एक साल तक पोषाहार सहित उपचार एवं जांच की दी जायेगी सुविधा
डोईवाला। स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय ने भारत सरकार की ओर से संचालित प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत तीन सौ रोगियों को गोद लिया है। जिन्हें पोषाहार सहित उपचार एवं जांच में सहयोग किया जायेगा। - शनिवार को अभियान का शुभारंभ करते हुये कुलाधिपति डॉ. विजय धस्माना ने कहा कि संस्थान ने 1000 टीबी रोगियों को गोद लेने का लक्ष्य रखा है। जिसमें अभी 300 टीबी रोगियों को एक वर्ष तक प्रत्येक माह हाई प्रोटीन न्यूट्रीशन किट दी जायेगी। साथ ही इन रोगियों की उपचार एवं जांच में सहयोग भी किया जायेगा। ग्राम्य विकास संस्थान, कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग एवं श्वसन एवं छाती रोग विभाग संयुक्त रूप से इस कार्यक्रम का संचालन करेंगे। इस कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय आस संस्था के साथ मिलकर पूरे वर्ष टीबी रोगियों की स्वास्थ्य देखभाल के लिए करेगा। साथ ही उन्होंने बताया कि किस तरह नि-क्षय मित्र योजना के अंतर्गत आम आदमी टीबी मुक्त भारत में अपना योगदान दे सकता है। उन्होंने सभी से इस कार्यक्रम को सफल बनाने का आह्वान किया। कुलपति डॉ. विजेन्द्र चौहान ने कहा कि टीबी मुक्त भारत केवल अस्पताल अकेले नहीं कर सकते है। इसके लिए सामाजिक संस्थानों, व्यक्तियांे और विशेषज्ञों को आगे आकर योगदान देना होगा। पोषण की आवश्यकता पर बोलते हुये उन्होंने कहा कि बिना पोषण के दवाओं से भारत को हम टीबी मुक्त नहीं कर सकते है। उपजिला चिकित्साधिकारी डॉ. चंदन सिंह रावत ने विश्वविद्यालय की इस कार्यक्रम सहभागिता पर प्रशंसा करते हुये अपेक्षित सहयोग देने की बात कही। ग्राम्य विकास विभाग के उपनिदेशक डॉ. राजीव बिजल्वाण ने सभी का धन्यवाद दिया। उन्होंने बताया कि अभियान के तहत डोईवाला से 50, ऋषिकेश से 150 व बहादराबाद के 100 टीबी रोगियों को प्रथम चरण में पोषाहार सहित उपचार एवं जांच की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। इससे पूर्व कार्यक्रम में कुलाधिपति डॉ. विजय धस्माना ने टीबी रोगियों को हाई प्रोटीन युक्त न्यूट्रीशन किट का वितरण किया। इस अवसर पर डॉ. जयंती सेमवाल, डॉ. राखी खण्डूरी, आस संस्था की लक्ष्मी व हेमलता बहन ने कार्यक्रम के अन्य पहलुओं पर प्रकाश डाला।