BHVN……………….#उत्तराखंड राज्य बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली पुण्यात्मा सुशीला बलूनी राज्य आंदोलनकारी का 48 वर्ष की आयु में निधन उत्तराखंड में शोक की लहर…….. अचानक तबीयत बिगड़ने के कारण परिजन मैक्स हॉस्पिटल ले गए जहां उन्होंने अंतिम सांस ली………सीएम धामी ने जताया शोक
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी व उत्तराखंड महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुशीला बलूनी के निधन पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति और परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की। सीएम धामी ने कहा कि पृथक उत्तराखण्ड के निर्माण में सुशीला बलूनी के योगदान को हमेशा याद रखा जायेगा।……………………….
……………………शहीद स्थल पर गार्ड ऑफ ऑनर के साथ श्रद्धांजलि अर्पित की गई श्रद्धांजलि में राजनीतिक पार्टियां व कोर्ट परिसर के अधिवक्ता उपस्थित रहे नम आंखों से हुई अंतिम विदाई
1994 के आंदोलन में अनशन पर बैठने वाली पहली महिला वरिष्ठ पत्रकार जितेंद्र अंथवाल के मुताबिक नौ अगस्त 1994 को देहरादून कलेक्ट्रेट में आमरण अनशन करने वाली वे उस दौर के राज्य आंदोलन (1994) की पहली महिला सुशीला बलूनी थीं। पर्वतीय गांधी इंद्रमणि बडोनी के नेतृत्व वाली उत्तराखंड संयुक्त संघर्ष समिति के केंद्रीय संयोजक मंडल की सदस्य होने के साथ ही वे उत्तराखंड आंदोलन में महिलाओं की केंद्रीय संघर्ष समिति की संयोजक भी रहीं। अनेक बार जेल यात्राएं करने के अलावा वे लाठीचार्ज में घायल हुई।