- खून का थक्का न बनने की है बीमारी
डोईवाला। हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट में हीमोफीलिया ए से पीड़ित बच्चे की आंख का सफल मोतियाबिंद का आपरेशन किया गया। बच्चा अब पूर्ण रूप से स्वस्थ है और उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है।
सितारगंज (उधमसिंहनगर) निवासी दो वर्षीय आदरिक को जन्म से ही मोतियाबिंद की शिकायत थी। साथ ही वह हीमोफीलिया ए से भी पीड़ित था। आदरिक के माता-पिता ने उसे कई अस्पतालों में दिखाया लेकिन वहां से उन्हें निराशा ही मिली। इसके बाद आदरिक के माता-पिता हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट आये। यहां वह वरिष्ठ नेत्र सर्जन डॉ. रेनू धस्माना से मिले और उन्हें बच्चे की स्थिति से अवगत कराया। डॉ. रेनू धस्माना ने बच्चे की रिपोर्ट देखने के बाद माता पिता को बताया कि आपरेशन में जोखिम तो है क्योंकि बच्चा हीमोफीलिया से पीड़ित है। हीमोफीलिया ए में फैक्टर 8 की कमी होती है। जिस कारण शरीर में रक्त के थक्के जमने की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है और इस कारण से शरीर से बह रहा खून जल्दी नहीं रुक पाता है। परिजनों की सहमति मिलने के बाद ऑन्को हिमेटोलॉजी की डॉ. आवृति की देखरेख में दवा के जरिये फैक्टर 8 की कमी को पूरा किया गया। इसके बाद डॉ. रेनू धस्माना के नेतृत्व में निश्चेतना विभाग से डॉ. वीना अस्थाना, डॉ. अमित, डॉ. कृतिका की टीम ने बच्चे की आंख का मोतियाबिंद का सफल आपरेशन किया। आपरेशन के बाद बच्चे को कुछ दिन तक चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया। बच्चे की स्थिति में सुधार होने के बाद उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। वरिष्ठ नेत्र सर्जन डॉ. रेनू धस्माना ने बताया कि हिमोफीलिया से पीड़ित में फैक्टर 8 की कमी होने के कारण रक्त का थक्का नहीं बन पाता। इसलिए कई बार सर्जरी करना जोखिमपूर्ण हो जाता है। लेकिन हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट में ऐसे मरीजों की सर्जरी करने के लिए सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध है।