BHVN….. रविवार को हिमालयीय विश्वविद्यालय में एमईआरयू, यूएमएलएसी एवं हिमालयीय विश्वविद्यालय द्वारा वेद एवं विश्वशांति की 17वीं श्रृंखला का आयोजन किया गया। गौरतलब है की वेद एवं विश्वशांति अभियान डॉ टोनी नाडर एवं डॉ रमेश पोखरियाल निशंक द्वारा वर्ष 2019 मे शुरू किया गया था।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ निशंक ने कहा की वैदिक ज्ञान विज्ञान हमें विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष करना सिखाता है और स्पष्ट करता है कि कैसे हम सकारात्मक परिवर्तन का सूत्रपात कर सकते हैं। कहा कि हम अपने परंपरागत शाश्वत ज्ञान के माध्यम से भारत को न केवल ज्ञान आधारित महा शक्ति के रूप में स्थापित करेंगे बल्कि समूचे विश्व में सुख शांति और समृद्धि के नव युग का सूत्रपात भी करेंगे।
हिमालयीय विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ राजेश नैथानी ने हिमालयीय विश्वविद्यालय के विजन को सबके समक्ष रखा। कहा की हिमालय के सर्वांगीण विकास में योगदान करना विश्वविद्यालय का प्रथम लक्ष्य है।
नेदरलैंड से वर्चुअल माध्यम से जुड़े विशिष्ट अतिथि डॉ राजा लुईस ने कहा की भारत के वेद और ऋचाओं में ज्ञान का अथाह भंडार छुपा है, जिस पर विदेशों में भी रिसर्च की जा रही है आज पूरा विश्व भारत की वेद संस्कृति के गूढ़ रहस्य को जानना चाहता है।
वहीं डॉ सविता मोहन ने वेदों महत्व को बताया। इस दौरान शिक्षाविद डॉ नीलिमा प्रकाश, मौलिक अग्रवाल, विदुषी निशंक, बालकृष्ण चमोली, डॉ अनिल झा, डॉ अंजना विलियम आदि मौजूद रहे।