कवि सम्मेलन में देशभक्ति गीतों ने बांधा समां

BHVN # संस्कार भारती डोईवाला की ओर से हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें हंसी के ठहाको के बीच देश के मौजूदा हालातों पर तीखे व्यंग किए गए। संस्कार भारती डोईवाला के 23वें हास्य कवि सम्मेलन में कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से लोगों को गुदगुदाने का कार्य किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले छह लोगों को सम्मानित करते हुए कहा कि होली का पर्व हमे मन से घृणा और द्वेष को मिटाने का संदेश देता है।

बुधवार को अग्रवाल धर्मशाला में आयोजित हास्य कवि सम्मेलन की शुरूआत कवयित्री महिमा ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत करके की। उन्होंने अपनी रचना फूलो की क्यारी नही हूँ मै, अपने दम पर जीती हूँ भारत की नारी हूँ के माध्यम से नारी शक्ति की महत्ता को बताया।

कवि श्रीकांत ने वीर रस से ओतप्रोत कविता ‘बलिदानो की परम्परा का पन्ना खोल रहा हू, सुनो दुनियां वालो भारत बोल रहा हूँ ‘ को सुनाकर जमकर तालियां बटोरी। रुड़की से आऐ कवि राजकुमार ‘राज’ ने हद है कि हद के बाहर जाने नही देती सुनाई।

कवि योगेश अग्रवाल ने ‘जीवन की उमंग को बनाऐ रखने के लिए ‘कभी उदास हो जाऐ तो मेरी खुशी मांग लेना सुनाकर वाह वाही ली। वरिष्ठ कवि रोशन लाल हरियाणवी, राघवेनदर गौर, देवेन्द्र सिह मालूम ने भी अपनी हास्य रचनाओं से लोगों को हंसाने का कार्य किया।

मुख्य अतिथि मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वालो स्वामी आदितयानंद, ज्योति यादव, कविता पाल, हरिहर लोहनी, नीलम नेगी, आरती वर्मा को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

इस दौरान संस्कार भारती अध्यक्ष ईश्वर चन्द अग्रवाल, महामंत्री अश्विनी गुप्ता, संरक्षक राजन गोयल, सम्पूर्णानन्द थपलियाल, चन्द्रकला ध्यानी, ओमप्रकाश कम्बोज, भारत गुप्ता, मनोज कम्बोज,अनीता अग्रवाल, वर्षा आदि लोग मौजूद थे।