निशुल्क गठिया स्वास्थ्य शिविर 60 लोग हुए लाभान्वित
– अधिकतर मरीजों एंकायलूजिंग स्पॉन्डिलाइटिस व रूमेटाइड आर्थराइटिस से पीड़ित
डोईवाला। हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट में निशुल्क गठिया स्वास्थ्य शिविर में 60 मरीज पहुंचे। जिनमें अधिकतर मरीज एंकायलूजिंग स्पॉन्डिलाइटिस व रूमेटाइड आर्थराइटिस से पीड़ित मिले।
बुधवार को हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट में आयोजित निशुल्क गठिया स्वास्थ्य शिविर में पहुंचे मरीजों की डॉ. योगेश प्रीत सिंह ने जांच की। जिसमें अधिकतर एंकायलूजिंग स्पॉन्डिलाइटिस व रूमेटाइड आर्थराइटिस से पीड़ित पाये गये। जिन्हें चिकित्सक ने दवाई व एक्सरसाइज का नियमित रूप से करने की बात कही। निशुल्क गठिया स्वास्थ्य शिविर में 60 मरीज पहुंचे, जिनका निशुल्क पंजीकरण किया गया। इस दौरान डॉ. योगेश प्रीत सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि कई बार मरीज गठिया के लक्ष्णों को न्यूरो का मान लेता है। जबकि न्यूरो संबंधित रोग में हाथ और पैरों मे सुन्नपन, कम सनसनी होती है, वहीं गठिया में जोड़ो व आसपास दर्द होता है। गठिया के लक्ष्णों के बारे में जानकारी के अभाव में मरीज की परेशानी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। गठिया के लक्षण होने पर चिकित्सक से तुरंत मिलें इसमें लापरवाही बिल्कुल नहीं करनी चाहिए। डॉ. योगेश प्रीत सिंह ने बताया कि यह रोग किसी एक कारण से नहीं होता। शरीर में विटामिन डी की कमी से मरीज की अंगुलियों, घुटने, गर्दन, कोहनी के जोड़ों में दर्द की शिकायत होने लगती है। इस बीमारी पर काबू पाने के लिए फिजियोथेरेपी और एक्सरसाइज रोजाना करनी चाहिए। जंक फूड से परहेज जरूरी। खानपान में परहेज न करना इसका मुख्य कारण है। उन्होंने कहा कि गठिया से पहले जोड़ों में दर्द शुरू हो जाता है, फिर यह अपने विकराल रूप में आते-आते उठने-बैठने और चलने-फिरने में परेशानी पैदा करने लगता है। शरीर का वजन भी बढ़ने लगता है। मोटापे से जहां हाइपरटेंशन, हार्ट फेलियर, अस्थमा, कोलेस्ट्राल, बांझपन समेत 53 तरह की बीमारियां पैदा हो जाती हैं, वहीं शरीर में गठिया के बने रहने से रक्तचाप और मधुमेह जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज और मुश्किल हो जाता है।