वन रक्षकों का आपदा प्रबंधन व वनाग्नि सुरक्षा प्रशिक्षण समाप्त

BHVN# राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल वाहिनी मुख्यालय जॉलीग्रांट में वन रक्षकों को दिया जा रहा आपदा प्रबंधन व वनाग्नि सुरक्षा प्रशिक्षण हुआ समाप्त। पुलिस महानिरीक्षक रिधिम अग्रवाल व एसडीआरएफ सेनानायक मणिकांत मिश्रा के नेतृत्व में शुरू हुए प्रशिक्षण में कुल 42 अधिकारियों, वन आरक्षियों व फायर वॉचर को प्रशिक्षण दिया गया।

साप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यक्रम दो चरणों में संपन्न हुआ, जिसमें पहला सत्र 24 जनवरी से 30 जनवरी व दूसरा एक फरवरी से सात फरवरी तक चला। प्रशिक्षण कार्यक्रम में वन विभाग के विभिन्न वन प्रभागों से आए कुल 42 अधिकारियों, वन आरक्षियों व फायर वॉचर को एसडीआरएफ के प्रशिक्षकों द्वारा आपदा प्रबन्धन व वनाग्नि सुरक्षा का प्रशिक्षण दिया गया।

साप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यक्रम में एसडीआरएफ प्रशिक्षकों द्वारा मुख्यतः चकराता, मसूरी, नरेंद्रनगर, मुनिकीरेती, उत्तरकाशी, टिहरी, लैंसडौन इत्यादि क्षेत्रों से आए वन कार्मिकों को आपदा प्रबंधन, आपदा के दौरान क्या करें व क्या न करें, वनाग्नि नियंत्रण व फायर सेफ्टी, प्राथमिक उपचार, सीपीआर, बेसिक लाइफ सपोर्ट, जलन व वातावरणीय चोटें, लिफ्टिंग एंड मूविंग पेशेंट, वैकल्पिक स्ट्रैचर बनाना, वनाग्नि पूर्व चेतावनी प्रक्रिया व कार्यप्रणाली, रोप रेस्क्यू, ड्रोन हैंडलिंग व विभिन्न रेस्क्यू तकनीकों का प्रशिक्षण दिया गया।

विगत कुछ वर्षों से राज्य में वनाग्नि से हजारों हेक्टेयर वनों की हानि हुई है साथ ही जान-माल की हानि की भी प्रबल संभावना बनी रहती है। जिस परिप्रेक्ष्य में एसडीआरएफ द्वारा कराया गया प्रशिक्षण अवश्य ही लाभप्रद सिद्ध होगा। मंगलवार को हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन पर सेनानायक मणिकांत मिश्रा द्वारा प्रशिक्षुओ को भविष्य में पूर्ण मनोयोग व कर्तव्यनिष्ठा से कार्य किए जाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए।

इस अवसर पर उपसेनानायक मिथिलेश कुमार, दीपक सिंह, राजीव रावत, शिविरपाल, निरीक्षक प्रमोद सिंह रावत, निरीक्षक ललिता नेगी, जयपाल राणा आदि मौजूद रहे।