टेलीमेडिसिन सेवा से जुड़े एम्स सहित राज्य के मेडिकल कॉलेज
-विशेषज्ञ चिकित्सकों से आम लोगों को मिल रहा निःशुल्क स्वास्थ्य परामर्श
देहरादून#BHVN
सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखंड में टेलीमेडिसिन योजना आम लोगों के लिये वरदान साबित हो रही है। इस योजना के तहत प्रदेश के दूरस्थ एवं पर्वतीय क्षेत्रों के लोगों को ई-संजीवनी के माध्यम से विशेषज्ञ चिकित्सकों के द्वारा निःशुल्क परामर्श एवं उपचार दिया जा रहा है। डॉ0 रावत ने बताया कि लोगों के बीच टेलीमेडिसिन की सुगमता को देखते हुये अब एम्स ऋषिकेश सहित प्रदेश के चार सरकार मेडिकल कॉलेजों यथा दून मेडिकल कॉलेज, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज, हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज एवं अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज भी जोड़ दिया गया है, ताकि आम लोगों को विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाओं का भी लाभ मिल सके। इन विशेषज्ञ चिकित्सकों में नाक, कान, गला रोग विशेषज्ञ, जनरल मेडिसिन विशेषज्ञ, नेत्र रोग विशेषज्ञ, न्यूरोलॉजी विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ, हड्डी रोग विशेषज्ञ, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ, मानसिक रोग विशेषज्ञ, हृदय रोग विशेषज्ञ, त्वचा रोग विशेषज्ञ एवं शल्य क्रिया विशेषज्ञ शामिल है। विभागीय मंत्री ने बताया कि प्रदेश के 1068 हेल्थ एंड वेलनेस सेन्टरों के टेलीमेडिसिन स्पोक्स एवं चार मेडिकल कालेजों,एम्स ऋषिकेश, 13 जिला अस्पतालों सहित स्टेट एनएचएम एवं यूपीएचसी हब के जरिये वर्ष 2020 से अब तक कुल नौ लाख से अधिक लोगों को टेली कन्सलटेशन प्रदान किया जा चुका है। जबकि वर्ष 2022 में रिकॉर्ड 4 लाख से अधिक लोगों को टेली मेडिसिन सेवाएं उपलब्ध कराई गई है। जिसमें अल्मोड़ा जनपद में 43 हजार 187 लोगों को टेली मेडिसिन सेवा दी गई, जबकि बागेश्वर में 23 हजार 659, चमोली में 38 हजार 456, चम्पावत में 24 हजार 412 देहरादून में 34 हजार 716, हरिद्वार में 61 हजार 862, नैनीताल में 36 हजार 258, पौड़ी गढ़वाल में 32 हजार 614, पिथौरागढ़ में 23 हजार 666, रूद्रप्रयाग में 30 हजार 158, टिहरी गढ़वाल में 24 हजार 772, ऊधम सिंह नगर में 39 हजार 350 एवं उत्तरकाशी में 47 हजार 535 टेली मेडिसिन सेवाएं शामिल हैं। डॉ0 रावत ने बताया कि राज्य में टेली कंसल्टेशन का औसत परामर्श समय 2 मिनट है जबकि औसत प्रतिक्षा समय 8 मिनट है, जो कि देश के अन्य राज्यों के मुकाबले कहीं बेहतर है। उन्होंने बताया कि सोमवार से शनिवार तक सुबह 9 बजे से सांय 6 बजे तक प्रदेश का कोई भी व्यक्ति ई-संजीवनी एप, वेलनेस सेन्टरों एवं टोल फ्री नम्बर 104 के माध्यम से इस सेवा का लाभ उठा सकता है।