अखिल भारतीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ

भारत वर्ष के किसी भी प्रदेश में क्लस्टर विद्यालयों के खुलने से सर्व प्रथम हजारों हजार विद्यालय बंद हो जायेगें साथ ही हजारों भोजन माताओं का रोजगार समाप्त हो जायेगा और आने वाले समय में जो शिक्षित वर्ग है उनके लिए रोजगार के अवसर नहीं मिल पायेगें।पहले सरकार की मंशा थी कि गांव मोहल्ले में विद्यालय खोलकर सभी बच्चों को शिक्षित किया जायेगा,और यदि गांव मोहल्ले के विद्यालय को क्लस्टर विद्यालयों में मर्ज किया जाता है तो दूर दराज क्षेत्र के बच्चे स्कूल नहीं जा पायेगें ,जिस कारण गरीब बच्चे अशिक्षित रहकर अपना विकास नहीं कर पायेगें।
सुभाष चौहान
राष्ट्रीय महामंत्री
अखिल भारतीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ

क्लस्टर विद्यालय योजना का प्राथमिक शिक्षक संघठन पुरजोर विरोध करता है। इस क्लस्टर योजना से विद्यालय को सुनियोजित षड़यंत्र से बंद करने की योजना, जिन विद्यालयों को हमारे पूर्वकों के द्वारा अथक प्रयास से स्थापित किये गये थे, उनको एक झटके में बंद कराना ठीक नहीं है। इससे न केवल पहले से पलायन का दंश देख रहे उत्तराखंड को अधिक पलायन होगा। इससे पहले से ही शिक्षकों के पदोन्नति के कम अवसर अब लगभग समाप्त हो जायेंगे। क्लस्टर स्कूल योजना का हरहाल में हर स्तर पर प्रचण्ड विरोध होगा।

क्लस्टर विद्यालयों के खुलने से पहाड़ी क्षेत्रों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा ,जो लोग गांव में बसे हैं वे भी यथा शीघ्र पलायन करेगें।जब गांव मोहल्ले के विद्यालय क्लस्टर विद्यालयों में मर्ज होगें तो लोग दूर दराज अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए डर जायेगें,क्यों कि पहाड़ी क्षेत्रों में नदी नाले ,गाड़ गदेरे,जंगली जानवरों का भय बना रहता है जिस कारण अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल जाने से रोक देगा। क्लस्टर विद्यालयों के खुलने से क्षेत्र के तमाम विद्यालय मर्ज हो जायेगें, विदयालय मर्ज होकर गांव मोहल्ले के विद्यालय बंद होगें और ये भवन खंडर में तब्दील होगें , विद्यालय बंद होने से हजारों भोजन माताओं का रोजगार भी समाप्त होगा और आने वाली पीढ़ी के लिए रोजगार के अवसर नहीं मिल पायेगें।हमारा सुझाव है कि गांव मोहल्ले के जूनियर हाईस्कूलों में प्रधानाध्यापक सहित पांच अध्यापक तैनात किए जाएं जिसमें एक अध्यापक अंग्रेजी विषय का अनिवार्य होना चाहिए,जिसे पलायन भी रूकेगा और बच्चे अच्छी तरह पढ़ पायेगें,साथ ही रोजगार भी मिल पायेगा।यदि जबरन क्लस्टर विद्यालयों में अन्य विद्यालय मर्ज किए जाते हैं तो शिक्षक ही नहीं बल्कि जनता भी इसका खुलकर विरोध करेगी।
सैंन सिंह नेगी
मंडलीय सचिव गढ़वाल
प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ उत्तराखंड

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