



देहरादून____विषय:- पुष्प वर्षायोग 2025 मंगल कलश स्थापना
परम पूज्य स्मरणीय पुष्पगिरी तीर्थ प्रणेता गणाचार्य श्री 108 पुष्पदंत सागर जी महामुनिराज के अज्ञानुवर्ती शिष्य परम पूज्य संस्कार प्रणेता आचार्य श्री 108 सौरभ सागर जी महामुनिराज के सानिध्य कलश स्थापना कार्यक्रम प्रिंस चौक स्थित श्री दिगम्बर जैन पंचायती मंदिर एव जैन भवन, (जैन धर्मशाला), 60 गांधी रोड पर सानंद संपन्न हुआ।
सर्वप्रथम सौरभ सागर महिला समिति द्वारा मंगलाचरण की प्रस्तुति दी गयी इसके पश्चात सौरभ सागर बालिका मंडल द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया।
इसके पश्चात भगवान महावीर स्वामी एव गणाचार्य श्री पुष्पदंत सागर जी महामुनिराज के चित्र का अनावरण कर दीप प्रज्वलित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय मेयर श्री सौरभ थपलियाल, विशिष्ट अतिथि माननीय विधायक श्री खजान दास जी एव श्री विशाल गुप्ता जी, सौरभ सागर सेवा संस्थान ग़ज़ियाबाद, सौरभांचल कमेटी गन्नौर के साथ समाज के गणमान्य लोगो द्वारा किया गया।
पूज्य आचार्य श्री के 31वे मंगल वर्षायोग के मुख्य मंगल कलश प्राप्त करने का सौभाग्य श्रीमती रुक्मणि जैन धर्मपत्नी श्री सुभाष चंद जैन जी के पुत्र-पुत्रवधु अमित जैन दीपा जैन को प्राप्त हुआ।
इसके अतिरिक्त श्री आशीष जैन सीमा जैन सम्यक जैन अलौकिता जैन आशीष कंस्ट्रक्शन, राजेंद्र नगर एवं श्री अजय कुमार जैन नीलम जैन (सुपुत्री श्री नरेन्द्र कुमार जैन, चावल वाले) सृष्टि जैन दीप्तांश जैन (दिल्ली), एवं
श्रीमति इंदु जैन धर्मपत्नी श्री वीरेंद्र कुमार जैन के पुत्र-पुत्र वधु वैभव जैन आंचल जैन विनीत जैन पिंकी जैन (परिवार) चमन विहार, एव संजय जैन अलका जैन मल्टी चैनल, एव श्री सुनील जैन रामनगर दिल्ली को भी चातुर्मास कलश प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
इस अवसर पर आचार्य श्री सौरभ सागर जी ने कहा कि हमें सारथी बनकर काम करना चाहिए स्वार्थी बनकर नहीं, एक होकर कार्य करना चाहिए, समाज में एकता ना हो तो समाज का पतन होता है, घर में एकता ना हो तो घर का पतन होता है ,नेताओं में एकता ना हो तो देश का पतन होता है,. लेकिन यहां का जैन समाज जैन समुदाय की मै सराहना करता हूं जिनके बीच आपस में समन्वय और एकता के साथ सारे किए जाने की क्षमता है वह सब बधाई के पात्र हैं जिनका 2029 से अब मुझसे 6 साल तक निरंतर संपर्क रहा धर्म को अगर कोई बचा सकता है तो वह सभी धर्म प्रेमी अगर राजनीतिक तौर पर सहयोग मिले तो किसी भी तीर्थ स्थल पर और मंदिरों पर कोई आंच नहीं आ सकती।चातुर्मास कलश स्थापना का अवसर समाज को तब मिलता है जब वह किसी संत का चातुर्मास नगर में कराती है और इस अवसर पर स्थापित होने वाले कलश के पुण्यार्जन की बोली जो सौभाग्यशाली परिवार लेता है वह उस परिवार के लिए जीवन भर के लिए यादगार बन जाता है क्योंकि ये नई पीढ़ी को संस्कारित करने का अवसर 4 माह के चातुर्मास कलश का पुण्यार्जन, जीवनभर यादगार खुद के साथ नई पीढ़ी को संस्कारित करने का अवसर होता हैं
मुश्किल रहे भी आसान हो जाती हैं हर राह पर पहचान हो जाती है जो करते हैं मन से गुरुभक्ति किस्मत भी उनकी गुलाम हो जाती है
कार्यक्रम का सफल संचालन पंडित संदीप जैन सजल इंदौर ने किया
कलश स्थापना कार्यक्रम में लखनऊ, दिल्ली, मेरठ, ग़ज़िआबाद,सरधना, मुज़्ज़फरनगर, बीना गंज, जयपुर, रूडकी, हरिद्वार,बरेली आदि से बड़ी संख्या में गुरुभक्त पधारे।
कार्यक्रम के पश्चात श्री विजय कुमार राजीव कुमार जैन (फोम हाउस) परिवार द्वारा सभी के सुरुचिपूर्ण भोजन की व्यवस्था की गयी।_________मधु जैन
मीडिया कोऑर्डिनेटर
देहरादून जैन समाज