





उत्तराखंड में अधिवक्ताओं ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के अंतर्गत वसीयत पंजीकरण, विवाह पंजीकरण और विक्रय पत्र पंजीकरण को ऑनलाइन किए जाने के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान अधिवक्ताओं ने सचिवालय का घेराव किया और सरकार से मांग की कि ऑनलाइन रजिस्ट्री व्यवस्था को वापस लिया जाए और अधिवक्ताओं के हितों की रक्षा की जाए।





प्रदर्शन की विशेषताएं:
- बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं की उपस्थिति:______ इस प्रदर्शन में हजारों की संख्या में अधिवक्ता उपस्थित रहे, जिन्होंने अपनी एकजुटता और एकता का प्रदर्शन किया। अधिवक्ताओं ने अपने हितों की रक्षा के लिए एकजुट होकर प्रदर्शन किया।
- तपतपाती धूप के बावजूद हौसला नहीं टूटा:______ प्रदर्शन के दौरान तपतपाती धूप भी अधिवक्ताओं का हौसला नहीं तोड़ पाई। अधिवक्ताओं ने अपने हितों की रक्षा के लिए कठिन परिस्थितियों में भी प्रदर्शन जारी रखा।
- सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन: ______अधिवक्ताओं ने सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया और अपनी मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाया। अधिवक्ताओं ने सरकार से मांग की कि ऑनलाइन रजिस्ट्री व्यवस्था को वापस लिया जाए और अधिवक्ताओं के हितों की रक्षा की जाए।


अधिवक्ताओं की मांगें:
- ऑनलाइन रजिस्ट्री व्यवस्था को वापस लेने की मांग: अधिवक्ताओं ने सरकार से मांग की कि ऑनलाइन रजिस्ट्री व्यवस्था को वापस लिया जाए और अधिवक्ताओं के हितों को ध्यान में रखा जाए।
- एडवोकेट प्रोटेक्शन लागू करने की मांग: अधिवक्ताओं ने सरकार से मांग की कि एडवोकेट प्रोटेक्शन लागू किया जाए और अधिवक्ताओं के हितों की रक्षा की जाए।
- अधिवक्ताओं के हितों की रक्षा: अधिवक्ताओं ने मांग की कि उनके हितों की रक्षा के लिए उचित कदम उठाए जाएं।
सरकार को चेतावनी:
अधिवक्ताओं ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को नहीं माना गया, तो वे आगे भी विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे। अधिवक्ताओं ने कहा कि वे अपने अधिकारों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।
आने वाले समय में क्या होगा?

अब देखना यह है कि सरकार अधिवक्ताओं की बात सुनती है या नहीं। क्या सरकार ऑनलाइन रजिस्ट्री व्यवस्था को वापस लेगी या अधिवक्ताओं को और अधिक संघर्ष करना पड़ेगा? यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा। अधिवक्ताओं की एकजुटता और उनके संघर्ष को देखते हुए, यह उम्मीद की जा रही है कि सरकार उनकी मांगों को मानने के लिए मजबूर होगी।
देहरादून बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं की उपस्थिति में उत्तराखंड बार काउंसलिंग के चेयरमैन राकेश गुप्ता,अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल, सचिव राजबीर सिंह बिष्ट, पूर्व अध्यक्ष राजीव शर्मा बंटू, पूर्व अध्यक्ष अनिल कुकरेती, सुयक्ष कुकरेती, एस एस मेहरा, पंकज नेगी, पंकज पटवाल,भानु प्राप्त सुसोदिय,जतिन दुग्गल, ओपी शुक्ला, अनिल ध्यानी, अजय बिष्ट, विपिन नौटियाल, धीरज प्रसाद जोशी, जितेंद्र सिंह, रौनक शर्मा, संग्राम सिंह पुंडीर, वीरेंद्र सहगल, अजय कुंडलिया, अनिल कुमार, बृजेश भाटिया, अनुपमा गौतम, अनुपमा ठाकुर, अर्पण चौहान, अल्पना जदली, प्रमिला रावत, सीमा चड्ढा, रत्ना रौथान, प्रतिभा जायसवाल, वंदना कार्की, पिंकी बर्थवाल, अमृत कौर, सुमन, परमजीत कौर,रेणु सेमवाल आदि हजारों की संख्या में अधिवक्ता उपस्थित रहे।
अधिवक्ताओं के प्रदर्शन के प्रमुख कारण
- ऑनलाइन रजिस्ट्री व्यवस्था का विरोध: ________अधिवक्ताओं ने ऑनलाइन रजिस्ट्री व्यवस्था का विरोध किया और सरकार से मांग की कि इसे वापस लिया जाए।
- एडवोकेट प्रोटेक्शन की मांग: _______अधिवक्ताओं ने एडवोकेट प्रोटेक्शन लागू करने की मांग की और सरकार से कहा कि अधिवक्ताओं के हितों की रक्षा की जाए।