श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में कल से शुरू होगा ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’, मसूरी में 6 जून को होगा कार्यक्रम

श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में कल से शुरू होगा ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’, मसूरी में 6 जून को होगा कार्यक्रम__________केंद्रीय कृषि मंत्री श्री चौहान ने आज मीडिया से कार्यक्रम की रूपरेखा साझा की_____किसानों की खेती से जुड़ी व्यावहारिक समस्याओं का समाधान होगा – श्री शिवराज सिंह____दोतरफा होगा संवाद, किसानों से आमने-सामने बैठकर होगी बात – श्री शिवराज सिंह______केंद्रीय कृषि मंत्री ने सामूहिक स्वामित्व और समर्पण से अभियान से जुड़ने का आह्वान किया_____केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, श्री शिवराज सिंह चौहान कल ओडिशा के पुरी से ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ का शुभारंभ करेंगे। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा शुरू की गई यह ऐतिहासिक पहल, वैज्ञानिक नवाचार और जमीनी स्तर पर भागीदारी के माध्यम से भारतीय कृषि को बदलने तथा देश के खाद्य भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक ठोस कदम है। 15 दिवसीय अभियान के दौरान श्री चौहान लगभग 20 राज्यों की यात्रा करेंगे। इस मिशन को साकार करने में राज्य सरकारों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी और सभी राज्यों से सामूहिक स्वामित्व और समर्पण के माध्यम से इस अभियान को सफल बनाने की अपेक्षा जताई गई है।______इस अभियान में दो-तरफा संचार दृष्टिकोण अपनाया जाएगा, एक तरफ वैज्ञानिक किसानों के साथ अनुसंधान और तकनीकी जानकारी साझा करेंगे, वहीं दूसरी तरफ वे किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में जानकारी जुटाएंगे। ये निष्कर्ष भविष्य के अनुसंधान प्रयासों को दिशा देने तथा व्यावहारिक, स्थान-विशिष्ट समाधान प्रदान करने में मदद करेंगे।______आज मीडिया से एक बार फिर बातचीत के दौरान श्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम की रूपरेखा पर चर्चा की। श्री शिवराज सिंह ने कहा कि कल से एक व्यापक अभियान शुरू हो रहा है। ‘लैब टू लैंड’ को जोड़ने के लिए कल से हमारे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिक अभियान पर निकलेंगे।_____श्री चौहान ने कहा कि 16 हजार वैज्ञानिकों की 4-4 टीमें बनी हैं, जो गांव-गांव जाकर किसानों से संवाद करेंगी। 2170 टीमें बनी हैं जो संपर्क करेंगी।। एक दिन में एक टीम 2 गांवों में जाएंगी। यह अभियान 15 दिन तक चलेगा और किसानों के बीच बैठकर सीधा संवाद होगा। क्षेत्र की जलवायु, पानी, मिट्टी के पोषक तत्व व अन्य बातों का ध्यान रखते हुए उसके आधार पर कौन सी फसल बोनी चाहिए, कौन सी वैराइटी होनी चाहिए, खाद का कितना संतुलित उपयोग करना चाहिए,उसके साथ-साथ प्राकृतिक खेती और दलहन और तिलहन की खेती के संबंध में किसानों से चर्चा की जाएगी। वैज्ञानिक,किसानों की व्यावहारिक समस्याओं के समाधान सीधे संवाद के जरिए सुलझाएंगे। खेत की आवश्यकता के अनुसार आगे शोध की दिशा भी तय होगी।______श्री चौहान ने एक बार फिर से सभी लोगों से इस अभियान से जुड़ने और देशव्यापी स्तर पर इसे कारगर व सफल बनाने का आह्वान किया।______यह अभियान 29 मई से 12 जून, 2025 तक 700 से अधिक जिलों में आयोजित किया जाएगा। इस अभियान में 731 केवीके, 113 आईसीएआर संस्थान, राज्य स्तरीय विभाग तथा कृषि, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन के अधिकारी तथा नवोन्मेषी किसान शामिल होंगे। इस अभियान के जरिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प की दिशा में एक मजबूत अध्याय जोड़ने का प्रयास किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *