उत्तराखंड जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ की महत्त्वपूर्ण अपील________उत्तराखंड जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने महा निदेशक महोदया से शिक्षकों की जायज मांगों और समस्याओं के समाधान के लिए 28 अप्रैल को एक महत्वपूर्ण वार्ता करने का निर्णय लिया है। इस वार्ता का उद्देश्य शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं का समाधान निकालना और उनकी मांगों को पूरा करना है।
शिक्षकों की जायज मांगें:
- त्रिस्तरीय कैडर की मांग: उत्तराखंड जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ लंबे समय से त्रिस्तरीय कैडर के0वी0 की तर्ज पर PRT, TGT, PGT की मांग कर रहा है। इससे शिक्षकों की पदोन्नति और वेतनमान में सुधार होगा।
- स्थानांतरण नीति में बदलाव: संगठन मांग करता है कि बेसिक के अध्यापकों को स्थानांतरण में दुर्गम से दुर्गम विद्यालयों में जाने का अवसर दिया जाए। इससे शिक्षकों को अपने घर के पास नौकरी करने का अवसर मिलेगा।
- समग्र शिक्षा में कार्यरत अध्यापकों का वेतन: समग्र शिक्षा में कार्यरत अध्यापक और अध्यापिकाओं का वेतन समय पर दिया जाए। इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
- विद्यालयों में प्रधानाध्यापक और शिक्षकों के पद: समग्र शिक्षा से लेकर राज्य सेक्टर के विद्यालयों में प्रधानाध्यापक सहित पांच पद सृजित होने चाहिए। इससे विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
- बायोमेट्रिक प्रणाली से उपस्थिति का विरोध: संगठन बायोमेट्रिक प्रणाली से उपस्थिति का घोर विरोध करता है। यदि यह प्रणाली लागू की जाती है, तो प्रत्येक विद्यालय में एक चतुर्थ श्रेणी और लिपिक का पद भी सृजित किया जाना चाहिए।
- विषयवार अध्यापकों की तैनाती: जूनियर हाईस्कूलों में विषयवार अध्यापकों की तैनाती की जानी चाहिए। इससे छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी।
- 17140 वेतनमान का जड़मूल समाधान: संगठन मांग करता है कि 17140 वेतनमान का जड़मूल समाधान किया जाए। इससे शिक्षकों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
अखिल भारतीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ का समर्थन:___________अखिल भारतीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के राष्ट्रीय महामंत्री सुभाष चौहान ने उत्तराखंड जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ की मांगों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि संगठन अपनी जायज मांगों और समस्याओं के निराकरण के लिए डटकर मुकाबला करेगा और अखिल भारतीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ सदैव सहयोग करेगा।
निष्कर्ष:________उत्तराखंड जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ की महत्त्वपूर्ण अपील से शिक्षकों की जायज मांगों और समस्याओं का समाधान निकलने की उम्मीद है। सरकार और शिक्षा विभाग को चाहिए कि वे शिक्षकों की मांगों पर ध्यान दें और उनका समाधान निकालने के लिए ठोस कदम उठाएं।