ॐ सर्वमंगलमांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके सारण्ये त्र्यमबिके गौरी नारायणी नमोस्तुतेॐ सर्वस्वरूपे सर्वेसे सर्वशक्ति समन्विते भये भयस्त्रही नौ देवी दुर्गे देवि नमोस्तुते🙏🏼💐🌹🪔🚩

ॐ श्री दुर्गायै नमः
ॐ सर्वमंगलमांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके सारण्ये त्र्यमबिके गौरी नारायणी नमोस्तुते
ॐ सर्वस्वरूपे सर्वेसे सर्वशक्ति समन्विते भये भयस्त्रही नौ देवी दुर्गे देवि नमोस्तुते


दुर्गा या आदिशक्ति हिन्दुओं की प्रमुख देवी मानी जाती हैं जिन्हें माता, नवदुर्गा, देवी, शक्ति, आध्या शक्ति, भगवती, माता रानी, पार्वती , जगत जननी जग्दम्बा, परमेश्वरी, परम सनातनी देवी आदि नामों से भी जाना जाता हैं। दुर्गा को आदि शक्ति, परम भगवती परब्रह्म बताया गया है। वह अंधकार व अज्ञानता रुपी राक्षसों से रक्षा करने वाली, ममतामई, मोक्ष प्रदायनी तथा कल्याणकारी हैं। उनके बारे में मान्यता है कि वे शान्ति, समृद्धि तथा धर्म पर आघात करने वाली राक्षसी शक्तियों का विनाश करतीं हैं।_________माँ दुर्गा
जगत जननी_____सुरक्षा, शक्ति, ऊर्जा और नारी शक्ति की देवी, जगदम्बा, जगतमाता

अन्य नाम
महिषासुर मर्दिनी, नवदुर्गा, देवी माँ, शाकम्भरी, शक्ति, गौरी, नारायणी, ब्राह्मणी, वैष्णवी, वैष्णो देवी, कल्याणी, शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री,



ॐ श्री दुर्गायै नमः
ॐ सर्वमंगलमांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके सारण्ये त्र्यमबिके गौरी नारायणी नमोस्तुते
ॐ सर्वस्वरूपे सर्वेसे सर्वशक्ति समन्विते भये भयस्त्रही नौ देवी दुर्गे देवि नमोस्तुते

अस्त्र
त्रिशूल, चक्र, गदा, धनुष, शंख, तलवार,कमल, तीर, अभयहस्त, परशु, ,भाला ,डमरू, खप्पर, अग्निकटोरी

नवरात्रि, दुर्गा पूजा, चैत्र नवरात्रि, श्रावणी नवरात्रि, शारदीय नवरात्रि, गुप्त नवरात्रि, दुर्गाष्टमी, महासप्तमी, महानवमी, कन्यापूजन
दुर्गा का निरूपण सिंह पर सवार एक देवी के रूप में की जाती है। दुर्गा देवी आठ भुजाओं से युक्त हैं जिन सभी में कोई न कोई शस्त्रा होते है। उन्होने महिषासुर नामक असुर का वध किया। जिन ज्योतिर्लिंगों में देवी दुर्गा की स्थापना रहती है उनको सिद्धपीठ कहते है। वहाँ किये गए सभी संकल्प पूर्ण होते है। माता का दुर्गा देवी नाम दुर्गम नाम के महान दैत्य का वध करने के कारण पड़ा। माता ने शताक्षी स्वरूप धारण किया और उसके बाद शाकंभरी देवी के नाम से विख्यात हुई शाकंभरी देवी ने ही दुर्गमासुर का वध किया। जिसके कारण वे समस्त ब्रह्मांड में दुर्गा देवी के नाम से भी विख्यात हो गई। माता के देश में अनेकों मंदिर हैं कहीं पर महिषासुरमर्दिनि शक्तिपीठ तो कहीं पर कामाख्या देवी। यही देवी कोलकाता में महाकाली के नाम से विख्यात और सहारनपुर के प्राचीन शक्तिपीठ मे शाकम्भरी देवी के रूप में ये ही पूजी जाती हैं।_______हिन्दुओं के शक्ति साम्प्रदाय में भगवती दुर्गा को ही दुनिया की पराशक्ति और सर्वोच्च देवता माना जाता है (शाक्त साम्प्रदाय ईश्वर को देवी के रूप में मानता है)। वेदों में तो दुर्गा का व्यापाक उल्लेख है, किन्तु उपनिषद में देवी “उमा हैमवती” (उमा, हिमालय की पुत्री) का वर्णन है। पुराण में दुर्गा को आदिशक्ति माना गया है। दुर्गा असल में शिव की पत्नी आदिशक्ति का एक रूप हैं, शिव की उस पराशक्ति को प्रधान प्रकृति, गुणवती माया, बुद्धितत्व की जननी तथा विकाररहित बताया गया है। ________देवी दुर्गा के स्वयं कई रूप हैं (सावित्री, लक्ष्मी एव पार्वती से अलग)। मुख्य रूप उनका “गौरी” है, अर्थात शान्तमय, सुन्दर और गोरा रूप। उनका सबसे भयानक रूप “काली” है, अर्थात काला रूप। विभिन्न रूपों में दुर्गा भारत और नेपाल के कई मन्दिरों और तीर्थस्थानों में पूजी जाती हैं।भगवती दुर्गा की सवारी शेर है।

मार्कण्डेय पुराण में ब्रहदेव ने मनुष्‍य जाति की रक्षा के लिए एक परम गुप्‍त, परम उपयोगी और मनुष्‍य का कल्‍याणकारी देवी कवच एवं व देवी सुक्‍त बताया है और कहा है कि जो मनुष्‍य इन उपायों को करेगा, वह इस संसार में सुख भोग कर अन्‍त समय में बैकुण्‍ठ को जाएगा। ब्रहदेव ने कहा कि जो मनुष्‍य दुर्गा सप्तशती का पाठ करेगा उसे सुख मिलेगा। भगवत पुराण के अनुसार माँ जगदम्‍बा का अवतरण श्रेष्‍ठ पुरूषो की रक्षा के लिए हुआ है। जबकि श्रीं मद देवीभागवत के अनुसार वेदों और पुराणों कि रक्षा के और दुष्‍टों के दलन के लिए माँ जगदंबा का अवतरण हुआ है। इसी तरह से ऋगवेद के अनुसार माँ दुर्गा ही आदि-शक्ति है, उन्‍ही से सारे विश्‍व का संचालन होता है और उनके अलावा और कोई अविनाशी नही है।________इसीलिए नवरात्रि के दौरान नव दुर्गा के नौ रूपों का ध्‍यान, उपासना व आराधना की जाती है तथा नवरात्रि के प्रत्‍येक दिन मां दुर्गा के एक-एक शक्ति रूप का पूजन किया जाता है।

जय मां दुर्गा भगवती ______मां दुर्गा के 108 नाम

  1. सती : अग्नि में जल कर भी जीवित होने वाली
  2. साध्वी : आशावादी
  3. भवप्रीता : भगवान् शिव पर प्रीति रखने वाली
  4. भवानी : ब्रह्मांड की निवास
  5. भवमोचनी : संसार बंधनों से मुक्त करने वाली
  6. आर्या : देवी
  7. दुर्गा : देवी
  8. जया : विजयी
  9. आद्या : शुरूआत की वास्तविकता
  10. त्रिनेत्र : तीन आँखों वाली
  11. शूलधारिणी : शूल धारण करने वाली
  12. पिनाकधारिणी करने वाली
  13. चित्रा : सुरम्य, सुन्दर
  14. चंद्रघण्टा : प्रचण्ड स्वर से घण्टा नाद करने वाली, घंटे की आवाज निकालने वाली
  15. महातपा : भारी तपस्या करने वाली
  16. मन : मनन- शक्ति
  17. बुद्धि : सर्वज्ञाता
  18. अहंकारा : अभिमान करने वाली
  19. चित्तरूपा : वह जो सोच की अवस्था में है
  20. चिता : मृत्युशय्या
  21. चिति : चेतना
  22. सर्वमन्त्रमयी : सभी मंत्रों का ज्ञान रखने वाली
  23. सत्ता : सत्-स्वरूपा, जो सब से ऊपर है
  24. सत्यानन्दस्वरूपिणी : अनन्त आनंद का रूप
  25. अनन्ता : जिनके स्वरूप का कहीं अन्त नहीं
  26. भाविनी : सबको उत्पन्न करने वाली, खूबसूरत औरत
  27. भाव्या : भावना एवं ध्यान करने योग्य
  28. भव्या : कल्याणरूपा, भव्यता के साथ
  29. अभव्या : जिससे बढ़कर भव्य कुछ नहीं
  30. सदागति : हमेशा गति में, मोक्ष दान
  31. शाम्भवी : शिवप्रिया, शंभू की पत्नी
  32. देवमाता : देवगण की माता
  33. चिन्ता : चिन्ता
  34. रत्नप्रिया : गहने से प्यार
  35. सर्वविद्या : ज्ञान का निवास
  36. दक्षकन्या : दक्ष की बेटी
  37. दक्षयज्ञविनाशिनी : दक्ष के यज्ञ को रोकने वाली
  38. अपर्णा : तपस्या के समय पत्ते को भी न खाने वाली
  39. अनेकवर्णा : अनेक रंगों वाली
  40. पाटला : लाल रंग वाली
  41. पाटलावती : गुलाब के फूल या लाल परिधान या फूल धारण करने वाली
  42. पट्टाम्बरपरीधाना : रेशमी वस्त्र पहनने वाली
  43. कलामंजीरारंजिनी : पायल को धारण करके प्रसन्न रहने वाली
  44. अमेय : जिसकी कोई सीमा नहीं
  45. विक्रमा : असीम पराक्रमी
  46. क्रूरा : दैत्यों के प्रति कठोर
  47. सुन्दरी : सुंदर रूप वाली
  48. सुरसुन्दरी : अत्यंत सुंदर
  49. वनदुर्गा : जंगलों की देवी, बनशंकरी अथवा शाकम्भरी
  50. मातंगी : मतंगा की देवी
  51. मातंगमुनिपूजिता : बाबा मतंगा द्वारा पूजनीय
  52. ब्राह्मी : भगवान ब्रह्मा की शक्ति
  53. माहेश्वरी : प्रभु शिव की शक्ति
  54. इंद्री : इन्द्र की शक्ति
  55. कौमारी : किशोरी
  56. वैष्णवी : अजेय
  57. चामुण्डा : चंड और मुंड का नाश करने वाली
  58. वाराही : वराह पर सवार होने वाली
  59. लक्ष्मी : सौभाग्य की देवी
  60. पुरुषाकृति : वह जो पुरुष धारण कर ले
  61. विमिलौत्त्कार्शिनी : आनन्द प्रदान करने वाली
  62. ज्ञाना : ज्ञान से भरी हुई
  63. क्रिया : हर कार्य में होने वाली
  64. नित्या : अनन्त
  65. बुद्धिदा : ज्ञान देने वाली
  66. बहुला : विभिन्न रूपों वाली
  67. बहुलप्रेमा : सर्व प्रिय
  68. सर्ववाहनवाहना : सभी वाहन पर विराजमान होने वाली
  69. निशुम्भशुम्भहननी : शुम्भ, निशुम्भ का वध करने वाली
  70. महिषासुरमर्दिनि : महिषासुर का वध करने वाली
  71. मधुकैटभहंत्री : मधु व कैटभ का नाश करने वाली
  72. चण्डमुण्ड विनाशिनि : चंड और मुंड का नाश करने वाली
  73. सर्वासुरविनाशा : सभी राक्षसों का नाश करने वाली
  74. सर्वदानवघातिनी : संहार के लिए शक्ति रखने वाली
  75. सर्वशास्त्रमयी : सभी सिद्धांतों में निपुण
  76. सत्या : सच्चाई
  77. सर्वास्त्रधारिणी : सभी हथियारों को धारण करने वाली
  78. अनेकशस्त्रहस्ता : हाथों में कई हथियार धारण करने वाली
  79. अनेकास्त्रधारिणी : अनेक हथियारों को धारण करने वाली
  80. कुमारी : सुंदर किशोरी
  81. एककन्या : कन्या
  82. कैशोरी : जवान लड़की
  83. युवती : नारी
  84. यति : तपस्वी
  85. अप्रौढा : जो कभी पुराना ना हो
  86. प्रौढा : जो पुराना है
  87. वृद्धमाता : शिथिल
  88. बलप्रदा : शक्ति देने वाली
  89. महोदरी : ब्रह्मांड को संभालने वाली
  90. मुक्तकेशी : खुले बाल वाली
  91. घोररूपा : एक भयंकर दृष्टिकोण वाली
  92. महाबला : अपार शक्ति वाली
  93. अग्निज्वाला : मार्मिक आग की तरह
  94. रौद्रमुखी : विध्वंसक रुद्र की तरह भयंकर चेहरा
  95. कालरात्रि : काले रंग वाली
  96. तपस्विनी : तपस्या में लगे हुए
  97. नारायणी : भगवान नारायण की विनाशकारी रूप
  98. भद्रकाली : काली का भयंकर रूप
  99. विष्णुमाया : भगवान विष्णु की माया
  100. जलोदरी : ब्रह्मांड में निवास करने वाली
  101. शिवदूती : भगवान शिव की राजदूत
  102. करली : हिंसक
  103. अनन्ता : विनाश रहित
  104. परमेश्वरी : प्रथम देवी
  105. कात्यायनी : ऋषि कात्यायन द्वारा पूजनीय
  106. सावित्री : सूर्य की बेटी
  107. प्रत्यक्षा : वास्तविक
  108. ब्रह्मवादिनी : वर्तमान में हर जगह वास करने वाली

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