इण्डो-नेपाल व्यापार मेले की सराहना कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी बोले – यह मेला दोनों देशों के बीच व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंधों को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा

इण्डो-नेपाल व्यापार मेले की सराहना कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी बोले – यह मेला दोनों देशों के बीच व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंधों को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।______देहरादून____25 मार्च। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने देहरादून स्थित रेंजर ग्राउंड में आज कंचनपुर उद्योग वाणिज्य संघ द्वारा आयोजित इण्डो-नेपाल अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला एवं पर्यटन महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। उन्होंने आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि यह मेला दोनों देशों के बीच व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंधों को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस अवसर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने मेले में लगे स्टोलों का अवलोकन भी किया।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने अपने संबोधन में भारत और नेपाल के बीच प्राचीन सांस्कृतिक, धार्मिक और व्यापारिक संबंधों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि “भारत और नेपाल के बीच रोटी-बेटी का रिश्ता ऐतिहासिक रूप से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि व्यापार मेले में भारत और नेपाल के स्थानीय उत्पादों के स्टॉल भी लगाए गए, जो दोनों देशों के लघु और मध्यम उद्यमों को बढ़ावा देने में सहायक होंगे। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि इस तरह के आयोजनों से सीमावर्ती इलाकों में व्यापार को नई ऊंचाई मिलेगी और स्थानीय कारीगरों, व्यापारियों एवं उद्यमियों को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन से नेपाल के सुदूर पश्चिम प्रदेश में कृषि, दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में आपसी सहयोग से दोनों देशों के बीच आर्थिक क्षेत्र में वृद्धि होगी । जिससे दोनों देशों में विकास को बल मिलेगा। उन्होंने कहा को जब-जब प्रभु श्रीराम और माता सीता को याद किया जाएगा, तब-तब भारत और नेपाल के संबंधों का उल्लेख भी अवश्य होगा। मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर के निर्माण में नेपाल की सनातनी जनता की आस्था को भी देखा गया। नेपाल की जनता की जितनी आस्था और लगाव भगवान प्रभु श्रीराम के मन्दिर पर है, उतनी आस्था और लगाव भारतवासियों का भगवान पशुपतिनाथ जी के मन्दिर पर भी है।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने आगे कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत और नेपाल के संबंध और भी अधिक मजबूत हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि नेपाल और भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं।उत्तराखंड से लेकर नेपाल तक अनेक पर्यटन और धार्मिक स्थल हैं, जहां आस्था और प्राकृ तिक सौंदर्य का अद्भुद संगम देखने को मिलता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार, उत्तराखंड और नेपाल के बीच व्यापार को सुगम बनाने के लिए सीमावर्ती क्षेत्र में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में प्रारंभ की गई नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी के अंतर्गत नेपाल को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। इस नीति के माध्यम से दोनों देशों में आर्थिक विकास को गति प्रदान की जा रही है। इस नीति के माध्यम से दोनों देशों में आर्थिक विकास को गति प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से विभिन्न स्तरों पर कनेक्टिविटी, व्यापार, संस्कृति, रक्षा तथा जनसंपर्क को भी निरंतर बढ़ावा दिया जा रहा है। मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि भारत की नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी यानी “पड़ोस प्रथम नीति” का मकसद अपने पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को मज़बूत करना है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की ओर से अयोध्या से जनकपुर के बीच बस सेवा प्रारंभ की गई थी। काली नदी पर प्रस्तावित पंचेश्वर बांध परियोजना के माध्यम से साझा ऊर्जा उत्पादन का भी संकल्प दोनों देशों ने लिया है। उन्होंने कहा कि जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों की ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति होगी और दोनों देशों की आर्थिकी को भी बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सीमावर्ती क्षेत्रों में आधुनिक सड़कों, सुरंगों और पुलों का निर्माण जारी है। इसके अंतर्गत अब तक लगभग 4500 किलोमीटर से भी अधिक सड़कों का निर्माण कार्य संपन्न किया जा चुका है। मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि भारत और नेपाल के बीच धारचूला के छारछुम में मोटर पुल का निर्माण भी गतिमान है। जिससे दोनों देशों के बीच संपर्क और अधिक सुगम होगा।
इस अवसर पर चेयरमैन पीताम्बर जोशी, नरेन्द्र प्रसाद जोशी, प्रदीप पाल, भोजराज अवस्थी, हेमराज भट्ट, ज्योति कोटिया, सूर्य विक्रम शाही, वीर गोरखा कल्याण समिति अध्यक्ष पदम थापा, महासचिव विशाल थापा सहित कई लोग उपस्थित रहे।

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