अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर हम, महिलाओं के विकास का पथ प्रशस्त करने का संकल्प लें

गरीब परिवारों की महिलाओं को मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन प्रदान करना हो, स्वास्थ्य और सुविधा में सुधार हेतु ‘उज्ज्वला योजना’ हो या बालिकाओं की शिक्षा और भविष्य की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ‘सुकन्या समृद्धि योजना’ हो, महिलाओं-बेटियों का हित भारत सरकार की प्राथमिकता हैं। मातृत्व लाभ अधिनियम में संशोधन कर महिला कर्मियों को मिलने वाले मातृत्व अवकाश की अवधि 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दी गई है। उधर मोदी सरकार द्वारा छोटे व्यवसायियों की मदद के लिए शुरू की गई मुद्रालोन योजना में महिलाओं की भागीदारी 69 प्रतिशत है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में 3 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य है। इसके अलावा स्टैंड अप इंडिया के तहत खास तौर पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग की महिलाओं को ऋण दिया जाता है जिसके तहत अब तक 50 हजार करोड़ रुपए से अधिक के ऋण स्वीकृत किया जा चुके हैं। “बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ” और “मिशन शक्ति” जैसी योजनाओं एवं “सेल्फ़ी विद डॉटर” जैसी पहलों ने हमारी बालिकाओं- युवतियों के लिए नया आसमान खोला है। महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी/SHG) सशक्तिकरण योजना द्वारा ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में महिला समूहों को आर्थिक सहायता प्रदान कर उनकी भागीदारी को बढ़ाने के नए कीर्तिमान बनाए जा रहे हैं। आज भारत की नारी एक नए आर्थिक क्षितिज की ओर अग्रसर है।_______शिक्षा, सफलता की महत्वपूर्ण सीढ़ी मानी जाती है। इस सन्दर्भ में महात्मा गांधी का यह कथन और भी अर्थवान है- “जब एक पुरुष शिक्षित होता है तब एक व्यक्ति शिक्षित होता है लेकिन जब एक महिला शिक्षित होती है तब एक परिवार शिक्षित होता है’। इस सूक्ति के मद्देनज़र मोदी सरकार के शासन में भारत में उच्च शिक्षा में महिलाओं की स्थिति संतोषजनक रूप से बढ़ रही है। 2014-15 के बाद से उच्च शिक्षा में नामांकन दर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, महिला नामांकन दर 1.57 करोड़ से बढ़कर 2.18 करोड़ हो गया है।_______नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ द्वारा संसद और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करने का अद्वितीय कार्य हो, तीन तलाक़ कानून द्वारा मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा हो, पुलिस बल में महिलाओं की संख्या बढ़ाने के लिए महिला बटालियनों का गठन हो, अथवा शिक्षा और कौशल विकास में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए नए संस्थान और ट्रेनिंग प्रोग्राम, हमारी सरकार महिलाओं की अग्रणी भूमिका को सुनिश्चित करने के लिए कृत संकल्पित है। कला, खेल, अभिनय, राजनीति से लेकर सरकारी नौकरियों व प्रोफेशनल जगत- सभी महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में भारतीय महिलाएं अपनी भागीदारी न सिर्फ़ सुनिश्चित कर रही हैं बल्कि अपने दायित्वों का कुशलतापूर्वक निर्वहन करते हुए अपनी धाक भी बना रही हैं।_______प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब विकसित भारत के लिए अपने चार स्तंभों की बात करते हैं तो उसमें महिलाएं भी एक हैं। इस ‘विकसित भारत’ के संकल्प की सिद्धि में निसंदेह महिलाओं की चतुर्दिक भूमिका होने वाली है। ऐसे में हमें महिलाओं के पराक्रम और क्षमता को समझने की जरूरत है। आइए इस अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर हम, महिलाओं के विकास का पथ प्रशस्त करने का संकल्प लें । विकसित एवं सशक्त भारत की निर्माण यात्रा, महिलाओं के समग्र सशक्तिकरण के माध्यम से ही संपन्न होगी ।________(श्रीमती अन्नपूर्णा देवी, भारत सरकार की केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री हैं)

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