भारत की कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) क्षेत्र की सफलता: किफायती नवाचार के साथ भविष्य को सशक्त बनाना

भारत की कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) क्षेत्र की सफलता: किफायती नवाचार के साथ भविष्य को सशक्त बनाना________भारत कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) में एक परिवर्तनकारी क्रांति देख रहा है, और इस बदलाव के केंद्र में प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी का दूरदर्शी नेतृत्व है। भारत के इतिहास में पहली बार, सरकार प्रत्‍यक्ष रूप से एक एआई क्षेत्र को बढ़ावा दे रही है, जहां कंप्यूटिंग पावर, ग्राफिक्‍स प्रोसेसिंग यूनिट्स (जीपीयू) और शोध के अवसर किफ़ायती कीमत पर उपलब्ध हैं।______मोदी सरकार ने सुनिश्चित किया है कि एआई सिर्फ़ कुछ खास लोगों के लिए न हो और इस पर बड़ी तकनीकी कंपनियों और वैश्विक दिग्गजों का वर्चस्व न हो। विशेष नीतियों के ज़रिए, मोदी सरकार छात्रों, स्टार्टअप और इनोवेटर्स को विश्व स्तरीय एआई क्षेत्र तक पहुंचने में सक्षम बना रही है, जिससे वास्तव में समान अवसर मिल रहे हैं। चाहे वह इंडिया एआई मिशन हो या एआई के लिए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करना। मोदी सरकार की ये सभी पहल देश के एआई क्षेत्र को बेहतर बनाने का इरादा रखती हैं।_________आइए एक नज़र डालते हैं कि मोदी सरकार भारत को वैश्विक एआई दिग्‍गज बनाने के लिए क्या कर रही है:______इंडियाएआई मिशन: एआई को सुलभ बनाने में अग्रणी भूमिका_______भारत के एआई क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, मोदी सरकार ने 2024 में 10,300 करोड़ रुपए के आवंटन के साथ इंडियाएआई मिशन को मंजूरी दी। अगले पांच वर्षों में यह निर्धारित निधि इंडियाएआई मिशन के विभिन्न घटकों को गति प्रदान करने के लिए तैयार है।_______एक उच्च-स्तरीय सामान्य कंप्यूटिंग सुविधा द्वारा समर्थित, इंडिया एआई मिशन अब भारतीय भाषाओं का उपयोग करके भारतीय संदर्भ के लिए स्वदेशी एआई कार्यक्रमों को लोकप्रिय बनाने करने के करीब है। एआई मॉडल की शुरुआत लगभग 10000 जीपीयू की कम्प्यूटेशन सुविधा से हो रही है। इसमें जल्द ही शेष 8693 जीपीयू जोड़े जाएंगे।______जीपीयू आधारभूत ढांचा और खुला जीपीयू बाजार_____इंडिया एआई मिशन के लॉन्च होने की 10 माह की अवधि में, नोडल मंत्रालय जबर्दस्‍त प्रतिक्रिया प्राप्त करने और लगभग 18,693 ग्राफिक प्रोसेसिंग यूनिट, जीपीयू की एक उच्च-स्तरीय और मजबूत सामान्य कंप्यूटिंग सुविधा बनाने में सक्षम रहा है। यह ओपन सोर्स मॉडल डीपसीक की तुलना में लगभग नौ गुना और चैटजीपीटी की तुलना में लगभग दो तिहाई है।________मोदी सरकार ने उल्लेखनीय रूप से, भारत के जीपीयू बाज़ार को खोलने की शानदार पहल की है और यह भारत में जीपीयू बाज़ार खोलने वाली पहली सरकार है, जिससे छोटे स्टार्टअप, शोधकर्ता और छात्र उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग संसाधनों तक पहुंच प्राप्त कर सकते हैं। जबकि प्रमुख देशों में एआई बाज़ार पर अक्सर बड़े उद्योग दिग्‍गजों का दबदबा होता है।________मोदी सरकार अगले कुछ दिनों में देश में संस्थाओं को एआई विकास के लिए 18,000 उच्च-स्तरीय जीपीयू-आधारित कंप्यूट सुविधाएं उपलब्ध कराएगी और उनमें से 10,000 पहले से ही उपलब्ध हैं। सरकार ने 10 कंपनियों का भी चयन किया है जो 18,693 जीपीयू की आपूर्ति करेंगी।_______इसके अतिरिक्त, भारत अगले तीन से पांच वर्षों में अपना स्वयं का जीपीयू विकसित करेगा और अगले 10 महीनों में एक घरेलू आधारभूत एआई प्लेटफ़ॉर्म की उम्मीद की जा सकती है।______सरकार जल्द ही एक सामान्य कंप्यूट सुविधा शुरू करेगी जहां स्टार्टअप और शोधकर्ता कंप्यूटिंग शक्ति तक पहुंच सकते हैं। जबकि वैश्विक जीपीयू एक्सेस की लागत लगभग ढाई से तीन डॉलर प्रति घंटा है, मोदी सरकार इसे केवल एक डॉलर प्रति घंटा पर प्रदान करेगी। शोधकर्ता, स्टार्टअप, शिक्षाविद, कॉलेज, आईआईटी, सभी को इस कंप्यूटिंग शक्ति तक पहुंच मिल सकती है, और वे आधारभूत मॉडल शुरू कर सकते हैं।_______इंडियाएआई डेटासेट प्लेटफ़ॉर्म: ओपन डेटा के साथ एआई नवाचार को सक्षम बनाना______डेटा वह शक्ति है जो एआई शोध और नवाचार को आगे बढ़ाता है, और समृद्ध, विविध और प्रचुर डेटासेट के बिना, सबसे कुशल डेटा वैज्ञानिक और डेवलपर्स भी अवरोधों का सामना करते हैं। इसे पहचानते हुए, मोदी सरकार बड़े शोध समुदाय के लिए ओपन डेटासेट को सुलभ बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है।_______इंडियाएआई डेटासेट प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से सरकार का लक्ष्य उच्च-गुणवत्ता वाले, गैर-व्यक्तिगत डेटासेट तक पहुंच को सुव्यवस्थित करना और एक एकीकृत डेटा प्लेटफ़ॉर्म बनाना है। यह भारतीय स्टार्टअप और शोधकर्ताओं के लिए सहज पहुंच को सक्षम बनाता है, जिससे एआई-संचालित नवाचार में तेज़ी आती है। इस एआई डेटासेट प्लेटफ़ॉर्म में अज्ञात डेटा का सबसे बड़ा संग्रह होगा जो नवाचार को बढ़ावा देगा और एआई अनुप्रयोगों की क्षमताओं को बढ़ाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *