शैफलर इंडिया ने देहरादून के अनुज गोयल को ‘सोशल इनोवेटर फेलोशिप’से सम्‍मानित किया

शैफलर इंडिया ने देहरादून के अनुज गोयल को ‘सोशल इनोवेटर फेलोशिप’से सम्‍मानित किया_______देहरादून, 20 नवंबर 2024- प्रमुख मोशन टेक्‍नोलॉजी कंपनी शैफलर इंडिया ने ‘बडी4स्‍टडी फाउंडेशन’ के सहयोग में ‘शैफलर इंडिया सोशल इनोवेटर फेलोशिप प्रोग्राम’ के 2024 संस्‍करण के विजेताओं की घोषणा कर दी है। शीर्ष दस विजेताओं में देहरादून के अनुज गोयल का प्रोजेक्‍ट नवाचारों के लिये अभिनंदन किया गया। उन्‍होंने कृषि अपशिष्‍टों को संवहनीय तथा घर में कम्‍पोस्‍ट किये जा सकने वाले फाइबर प्रोडक्‍ट्स में बदला है। इससे प्‍लास्टिक के पर्यावरण-हितैषी विकल्‍प मिलेंगे और किसानों का फायदा होगा।______सोशल इनोवेटर फेलोशिप प्रोग्राम का लक्ष्‍य अनूठे संवहनीय समाधानों को विकसित कर रहे सामाजिक उद्यमियों का सम्‍मान करना और उन्‍हें इनाम देना है। यह शैफलर इंडिया की प्रमुख कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्‍मेदारी (सीएसआर) की पहल ‘होप’ का भी हिस्‍सा है। इससे स्‍वास्‍थ्‍यरक्षा, पेशेवर कौशल विकास, धरोहर तथा पर्यावरण के संरक्षण और समाज के सशक्तिकरण के लिये कंपनी की प्रतिबद्धता मजबूत होती है।_____अपने तीसरे संस्‍करण में इस साल के फेलोशिप प्रोग्राम ने विभिन्‍न संस्‍थानों जैसे आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी, गैर-लाभकारी संगठन और शुरूआती अवस्‍था के स्‍टार्टअप्‍स के 18 से 35 साल के आवेदकों को आमंत्रित किया था । उन्‍हें छह महत्‍वपूर्ण कैटेगरीज में अपने आइडिया और प्रोटोटाइप सॉल्‍यूशंस पेश करने थे। इनमें पर्यावरणीय स्थिरता, नवीकरण-योग्‍य ऊर्जा, कार्बन न्‍यूट्रैलिटी, चक्रीय अर्थव्‍यवस्‍था, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन और सामाजिक क्षेत्र में टेक्‍नोलॉजी का प्रयोग शामिल था।______टॉप 10 बेजोड़ प्रोजेक्‍ट्स में से हर एक को 1.5 लाख रूपये का फेलोशिप ग्रांट मिला। इसके अलावा, विजेताओं को आईआईएमएवेंचर्स (पूर्व में आईआईएमए-सीआईआईई) में 24 हफ्ते का हाइब्रिड मेंटरशिप भी दिया गया। यह एक स्‍टार्टअपइंक्‍युबेटर है, जिसकी संस्‍थापना इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, अहमदाबाद ने की थी।_______शैफलर इंडिया की एमडी और सीईओ हर्षा कदम ने सकारात्‍मक बदलाव को प्रेरितकरने के लिए मोशन टेक्‍नोलॉजी पर कंपनी द्वारा ध्‍यान दिये जाने के बारे में बात की। उन्‍होंने कहा, ‘‘शैफलर इंडिया में हम ऐसी दुनिया बनाना चाहते हैं जो स्‍थायी हो, अच्छी तरह काम करे और बदलते हालातों के साथ ढल जाए।इस साल के सोशल इनोवेटर फेलोशिप प्रोग्राम को मिली उल्‍लेखनीय प्रतिक्रिया भारतीय युवाओं की यह क्षमता दिखाती है वह बदलाव के वाहक बन सकते हैं। संवहनीयता और नवाचार एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं और इस पहल के माध्‍यम से हम यंगइनोवेटर्सको बढ़ावा देने के लिये प्रतिबद्ध हैं, जो भारत के उस भविष्‍य को आकार देने में सहायता करेंगे, जहाँ हमारे लोग और धरती, दोनों ही तरक्‍की करते रहें।’’

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