प्रमुख राज्य निर्माण आंदोलनकारी एवं समाजसेवी मोहन सिंह खत्री के नेतृत्व में मुख्यमंत्री से मिले एक प्रतिनिधिमंडल ने चिकित्सा अनुभाग-5 के शासनादेश संख्या 715/ XXVIII -5-2010-101/2009 दिनांक 21.06. 2010 एवं शासनादेश संख्या 1109/ XXVIII -5-2010-101/2009 दिनांक 03.08. 2010 में आंशिक संशोधन किये जाने का अनुरोध किया है।
मुख्यमंत्री को सौंपे पत्र में मोहन सिंह खत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड शासन द्वारा उपरोक्त शासनादेशों के माध्यम से राजकीय चिकित्सालयों/औषधालयों (राजकीय मेडिकल कालेजों से सम्बद्ध चिकित्सालयों को छोडकर) में रोगियों को बेहतर एवं गुणवत्तापरक चिकित्सकीय सेवायें उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था की गई है तथा उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के चिन्हित आन्दोलनकारियों को भी उक्त संगत शासनादेशों में शामिल करने की स्वीकृति प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि यदि उपरोक्त शासनादेशों मे राजकीय मेडिकल कालेजों से सम्बद्ध चिकित्सालयों यथा; राजकी दून मेडिकल कॉलेज, राजकीय श्रीनगर मेडिकल कॉलेज, राजकीय अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज, राजकीय हल्द्वानी मेडिकल कॉलेजों को भी शामिल कर दिया जाता है तो इस शासनादेश से लाभान्वित होने वाले मरीजों को अधिक सुविधा होगी तथा उन्हें किसी भी मेडिकल कॉलेज में स्थानीय स्तर पर ही अपना उपचार कराने में आसानी होगी।
मोहन सिंह खत्री ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि व्यापक जनहित को मद्देनजर रखते हुए उपरोक्त शासनादेशों में आंशिक संशोधन करते हुए सभी राजकीय मेडिकल कालेजों से सम्बद्ध चिकित्सालयों को भी इसमें शामिल किया जाय। मुख्यमंत्री पुष्कर सिह धामी ने आश्वासन दिया है कि वे इस सम्बन्ध में कार्रवाई करेंगे।
प्रतिनिधिमण्डल में प्रमुख राज्य आन्दोलनकारी मोहन सिंह खत्री के अलावा जगमोहन सिंह नेगी, अशोक वर्मा, प्रदीप कुकरेती, चन्द्रकिरण राणा, मोहन रावत, मनोज नौटियाल, रविन्द्र सोलंकी, राजीव तलवार, गौरव खण्डूरी, पूरन सिंह लिंगवाल, बंटी थापा, ललित जोशी, द्वारिका बिष्ट, सुलोचना भट्ट आदि अनेक आन्दोलनकारी शामिल थे।……मोहन सिंह खत्री
वरिष्ठ राज्य निर्माण आन्दोलनकारी
एवं समाज सेवी