एसआरएचयू जौलीग्रांट में ऑथोरशिप कार्यशाला आयोजित

एसआरएचयू जौलीग्रांट में ऑथोरशिप कार्यशाला आयोजित
-कार्यशाला में 76 प्रतिभागी हुए शामिल
डोईवाला। स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय जौलीग्रांट में ऑथोरशिप (लेखक) कार्यशाला का आयोजन किया गया। एक दिवसीय कार्यशाला में विश्वविद्यालय के फैकल्टी सदस्यों सहित छात्र-छात्राएं ने प्रतिभाग किया।
डॉ. बीसी रॉय सभागार में एसआरएचयू की लाईब्रेरी व ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस के संयुक्त तत्वावधान में लेखक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन एसआरएचयू के कुलपति डॉ. राजेन्द्र डोभाल ने दीप प्रज्जवलित कर किया। उन्होंने प्रतिभागियों से कार्यशाला में सीखे गये ज्ञान को व्यवहारिकता में लाने की बाते कही। मुख्य वक्ता ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस की रीजनल ट्रेनिंग मैनेजेर सुमिता सेन ने उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी जर्नल की प्रतिष्ठा को पहचानने के लिए इम्पैक्ट फैक्टर के विकास को देखना महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि क्यों प्राकृतिक विज्ञान जर्नल का इम्पैक्ट फैक्टर उच्च होता है और सामाजिक विज्ञान जर्नल का इम्पैक्ट फैक्टर तुलनात्मक रूप से कम होता है। उन्होंने साइटेशन विधियों और शोध प्रकाशनों से संबंधित कई अन्य सूचकांकों के बारे में भी जानकारी दी। इसके अलावा उन्होंने थीसिस और आर्टिकल में अंतर, मैनुस्क्रिप्ट लिखने, जर्नल मैनुस्क्रिप्ट के प्रकार, जर्नल का चयन करनें, ओयूपी प्लेटफॉर्म पर मैनुस्क्रिप्ट करना, लेख सबमिशन प्रक्रिया, जर्नल प्रकाशन चक्र, ओपन एक्सेस व प्रकार, रीड एंड पब्लिश को समझना आदि विषय पर विस्तृत जानकारी दी। लाईब्रेरियन डॉ. योगेन्द्र सिंह ने बताया कि कार्यशाला में मेडिकल, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, योगा साइंस, बॉयोसाइंस, फार्मेसी, नर्सिंग कॉलेज से 76 फैकल्टी सदस्य व छात्र-छात्राएं शामिल हुए। उन्होेंने बतया कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस जर्नल्स में प्रकाशन के तरीकों पर केंद्रित था। इससे पूर्व डॉ. रेनु धस्माना और डॉ योगेन्द्र सिंह ने सुमिता सेन को स्मृति चिन्ह भेंट किया। इस अवसर पर डॉ. नूपुर श्रीवास्तव, अभिषेक के. पांडे, अजय बंगारी, इंदर पाल सिंह, कैलाश उनियाल उपस्थित थे।