विकसित भारत परिकल्पना को साकार करने में आशाओं का अहम योगदान- डॉ.विजय धस्माना-ग्राम्य विकास विभाग जौलीग्रांट ने आशा वर्करों को प्रदान किए सर्टिफिकेट

विकसित भारत परिकल्पना को साकार करने में आशाओं का अहम योगदान- डॉ.विजय धस्माना
-ग्राम्य विकास विभाग जौलीग्रांट ने आशा वर्करों को प्रदान किए सर्टिफिकेट
-7 वें बैच में19 प्रतिभागियों को प्रदान किया गया आशा कोर्स सर्टिफिकेट
-अब तक कुल सात बैच में 158 को प्रदान किया जा चुका आशा सर्टिफिकेट……डोईवाला…….

हिमालयन इंस्टिट्यूट हॉस्पिटल ट्रस्ट (एचआईएचटी) जौलीग्रांट के ग्राम्य विकास संस्थान (आरडीआई) की ओर से आशा सर्टिफिकेट कोर्स में उत्तीर्ण प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट प्रदान किए। सातवें बैच में 19 प्रतिभागी हुए उत्तीर्ण।….ग्राम्य विकास विभाग में आशा सर्टिफिकेट कोर्स के सातवें बैच में 19 प्रतिभागी उत्तीर्ण हुए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एचआईएचटी के अध्यक्षीय समिति के सदस्य व स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) के अध्यक्ष डॉ. विजय धस्माना व हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एचआईएमएस) के प्रधानाचार्य डॉ. अशोक देवराड़ी ने संयुक्त रुप से उन्हें सर्टिफिकेट प्रदान कर सम्मानित किया।…

समारोह को संबोधित करते हुए अध्यक्ष डॉ. विजय धस्माना ने कहा कि विकसित भारत की परिकल्पना को सार्थक करने में हेल्थ इंडिकेटर का महत्वपूर्ण स्थान है, जिसे आशा कार्यकर्ता बखूबी कर रही हैं। ग्रामीण स्वास्थ्य के क्षेत्र में आशा एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं। उत्तराखण्ड जैसे पहाड़ी राज्य में आशा की भूमिका महत्वपूर्ण है। जहां पहाड़ों के दुर्गम स्थानों पर चिकित्सकों की तैनाती नहीं है, वहां पर आशा अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।….

प्रधानाचार्य डॉ. अशोक देवराड़ी ने सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि सुरक्षित मातृत्व से लेकर लोगों के स्वास्थ्य शिक्षा देना तथा समय पर अस्पतालों में पहुंचाना चिकित्सा की दृष्टि से महत्वपूर्ण कार्य है। जिसे आशा कार्यकर्ता बखूबी कर रही है।…ग्राम्य विकास संस्थान के उपनिदेशक डॉ. राजीव बिजल्वाण ने बताया कि इस कोर्स में वर्ष 2019 में शुरू किए जहां पहले बैच में केवल आठ छात्र थे वहीं आज आठवें बैच में 42 छात्रों ने प्रवेश लिया है। यह लोगों की इस पाठ्यक्रम के प्रति रुचि को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि यह सर्टिफिकेट कोर्स छः माह का है जो हर वर्ष जनवरी एवं जुलाई में प्रारंभ किया जाता है। इसमें प्रवेश के लिए न्यूनतम योग्यता हाईस्कूल निर्धारित है।…

कार्यक्रम समन्वयक सुनील खण्डूरी के संचालन में चले कार्यक्रम में नीलम पाण्डे ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर रजिस्ट्रार डॉ. मुकेश बिजल्वाण, ग्राम्य विकास संस्थान की निदेशिक बी. मैथिली, स्त्री एवं प्रसूती रोग विभागाध्यक्ष डॉ. रुचिरा नौटियाल, डॉ. एके श्रीवास्तव, रविन्द्र वर्मा, विकेश सेमवाल, डॉ. अमनदीप, नीलम पाण्डे पवनदीप कौर आदि उपस्थित रहे।