अमृतसर………… प्राप्त सूचना के अनुसार 21 जून2024 को जिस दिन पूरा देश योग दिवस मना रहा था वही कुछ इस तरह की महिलाए भी अपनी हरकतों से बाज आने का नाम नहीं लेती है …… योग करना अच्छी बात है परंतु ऐसे योग को क्या कहोगे जो पूजापाठ के स्थान का अपमान करने के लिए किया गया हो योग आसन और भी है केवल यही आसन करने का क्या मकसद है हर चीज़ मर्यादा मैं रहे तो किसी प्रकार की कोई अमर्यादित घटना सामने ना आए …. आजकल अक्सर देखा जाता है खासकर कुछ युवाओं द्वारा पूजा पाठ के स्थान पर भी जाकर केवल रील बनाने का ही मकसद रहता है इसी करण वश उत्तराखंड 2024 की यात्रा शुरू होते ही श्री केदारनाथ धाम पर मंदिर के पास रील बनाने पर बैन किया गया है … जिससे कि जो श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं उनको किसी। समस्या का सामना ना करना पड़े आजकल के कुछ युवाओं को यह सख्त निर्देशों के साथ समझना अति आवश्यक हो गया है कि पूजा पाठ का स्थान एवं पिकनिक मनाने के स्थान में जमीन आसमान का अंतर है पूजा पाठ के। स्थान को बचाए रखने के लिए सख्त कानून व्यवस्था की आवश्यकता है ….. जिस तरह क्राइम को रोकने के लिए पुलिस द्वारा कानून के प्रयोग से व्यवस्था को सुव्यवस्थित रखा जाता है वैसे ही भारत की संस्कृती एवम संस्कार को बचाने के लिए मंदिर, गुरुद्वारा ,चार्ज, दरगाह आदि के साधु संतों को आगे आना पड़ेगा जिसके द्वारा भी पूजा पाठ के स्थान का अपमान हो उस पर कठोर करवई की जाए कई बार देखा जाता है की कुछ युवाओं द्वारा रील बनाने के समय ललाट पर तिलक लगाकर अधनंग वस्त्रों मैं अश्लील गानों पर रील बनाए जाने का दौर भी जारी है ललाट पर तिलक साधु संतो का सनातन धर्म का स्वाभिमान है जो आज कल लुप्त होता जा रहा है
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) ने अमृतसर के श्री दरबार साहिब में योग करने के लिए एक इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिससे सिख समुदाय में आक्रोश की लहर दौड़ गई है।
इस घटना के जवाब में, एसजीपीसी ने अपने कर्तव्यों की उपेक्षा करने के लिए तीन ‘सेवादारों’ (कर्मचारियों) के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की है। इन कर्मचारियों ने महिला को 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर परिक्रमा में योग करने की अनुमति दी थी, जो संगमरमर का रास्ता है जहाँ तीर्थयात्री प्रार्थना करते हैं।
एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने इस कृत्य की निंदा करते हुए इस बात पर जोर दिया कि कुछ लोग इस पूजनीय स्थल की पवित्रता का खुलेआम अनादर कर रहे हैं, जिससे सिख भावनाओं को गहरी ठेस पहुँच रही है। उन्होंने ‘संगत’ (समुदाय) से सचखंड श्री हरमंदिर साहिब के सम्मान को बनाए रखने का आग्रह किया, जो सिखों के लिए बहुत महत्व रखता है और दुनिया भर से सभी धर्मों के तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है।
एसजीपीसी द्वारा गठित एक जांच समिति ने सेवादारों से उनकी ड्यूटी में चूक के लिए पूछताछ की। अर्चना मकवाना नाम की महिला ने अपने योग सत्र की तस्वीरें वायरल होने के बाद सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगी और घटना पर खेद व्यक्त किया। गुरुद्वारा महाप्रबंधक भगवंत सिंह धंगेरा ने खुलासा किया कि मकवाना ने सोशल मीडिया पर तस्वीरें पोस्ट की थीं। सीसीटीवी फुटेज से पुष्टि हुई कि उसने सुबह 6:57 बजे परिसर में प्रवेश करने के बाद सुबह 7:04 बजे योग किया और बिना प्रार्थना किए परिक्रमा में लगभग एक घंटा बिताया।