आश्रम पद्धति विद्यालयों में अनुसूचित जाति के छात्रों को प्रवेश न दिए जाने के विरोध मे राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने जिला समाज कल्याण कार्यालय पर प्रदर्शन किया

आश्रम पद्धति विद्यालयों में अनुसूचित जाति के छात्रों को प्रवेश न दिए जाने के विरोध मे राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने
जिला समाज कल्याण कार्यालय पर प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री को जिला समाज कल्याण अधिकारी पूनम चमोली के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित किया। साथ ही समस्या का समाधान शीघ्र समाधान न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी…..राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र पन्त ने कहा कि चकराता जौनसार को क्षेत्र के आधार पर अनुसूचित जनजाति क्षेत्र घोषित किया गया है। यहां पर सभी जाति के लोगों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्राप्त है। ऐसे में सवर्ण जाति के बच्चों को तो प्रवेश दिया जा रहा है लेकिन अनुसूचित जाति के बच्चों को प्रवेश दिए जाने से प्रतिबंधित कर दिया गया है, जो कि सरासर अमानवीय है। सरकार तत्काल प्रभाव से इस आदेश को निरस्त कर प्रदेश में भेदभाव की भावना को खत्म करने का कार्य करे।
प्रदेश संगठन सचिव सुलोचना ईष्टवाल ने बताया गौरतलब है कि समाज कल्याण विभाग देहरादून ने महालेखाकार की आडिट आपत्ति रिपोर्ट का हवाला देकर आश्रम पद्धति विद्यालय में अनुसूचित जाति के बच्चों को प्रवेश दिये जाने से इंकार कर दिया है। जनजाति क्षेत्र में खुले आश्रम पद्धति आवासीय विद्यालयों में अनुसूचित जाति के बच्चों के प्रवेश पर प्रतिबंध को तुगलगी फरमान बताते हुए कहा कि इससे अनुसूचित जाति के नौनिहाल शिक्षा के अधिकार से वंचित हो रहे हैं।
प्रदेश अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ शैलबाला ममगांई ने कहा कि इसको लेकर अभिभावकों में भारी आक्रोश व्याप्त है। अगर सरकार इस आदेश पर कार्रवाही नहीं करती तो राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी प्रदेश ब्यापी आंदोलन की चेतावनी दी और अफसोस जताया कि आर्थिक रूप से कमजोर छात्र प्रवेश को दर-दर भटक रहे हैं आर्थिक एवं सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों के बच्चों के शैक्षिक भविष्य को तराशने वाले आश्रम पद्धति विद्यालयों की स्थापना की गई थी। जौनसार बावर मे आश्रम पद्धति आवासीय विद्यालयों में अनुसूचित जाति के बच्चों के प्रवेश पर प्रतिबंध का शासनादेश जारी कर अफसरशाही उनके शिक्षा के अधिकार से वंचित करती हैं ।
….पार्टी ने उम्मीद जताई कि सरकार मामले का संज्ञान लेकर शीघ्र समाधान कर बच्चों को उनके शिक्षा के अधिकार को बहाल करेगी। ऐसा न होने पर उन्होने आंदोलन की चेतावनी दी है।
कार्यक्रम में उपस्थित राजेंद्र पन्त,सुलोचना ईष्टवाल, प्रमोद डोभाल, सुरेंद्र चौहान, शैलबाला ममगांई, संजय तितौरिया, पदमा रौतेला, प्रवीन कुमार, सुरेश पाल, रजनी, रिंकी कुकरेती, राजेंद्र गुसाईं, दीपा राणा, रंजना नेगी, रजनी थपलियाल सहित आदि पदाधिकारी मौजूद रहे।