उत्तराखण्ड: 89 हजार करोड़ रु. का बजट प्रस्तुत……..धामी सरकार ने पेश किया ₹89,230.07 करोड़ का बजट, ₹88,597.11 करोड़ की राजस्व प्राप्ति का अनुमान…………उत्तराखंड की धामी सरकार आज विधानसभा में राज्य का अब तक का सबसे बड़ा बजट पेश किया है. धामी सरकार ने 89,230.07 करोड़ (89 हजार 230 करोड़ 7 लाख) रुपये का बजट पेश किया है.
देहरादून 27 फरवरी: उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही जारी है. सदन में प्रश्न काल शुरू हुआ तो विपक्ष ने नियम 310 में प्रदेश भर में कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए. प्रश्नकाल के बाद वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने उत्तराखंड के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा बजट पेश किया
पेश हुआ उत्तराखंड का बजट: उत्तराखंड की धामी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 89 हजार 230 करोड़ 7 लाख का बजट पेश कर दिया है. सरकार को 88,597.11 करोड़ के राजस्व प्राप्ति का अनुमान है. इसमें 60,552.90 करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्ति और 28,044.21 करोड़ की पूंजीगत प्राप्तियों का अनुमान लगाया गया है. इससे पहले वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल छिहत्तर हजार पांच सौ बयानबे करोड़ चौवन लाख रुपये (₹76592.54 करोड़) का बजट पेश किया गया था. इसमें सत्तावन हजार सत्तावन करोड़ छब्बीस लाख (₹57057.26 करोड़) राजस्व प्राप्तियां व उन्नीस हजार पांच सौ पैंतीस करोड़ अठ्ठाइस लाख (₹19535.28 करोड़) पूंजीगत प्राप्तियां अनुमानित थीं.
युवा कल्याण पर 1679 करोड़ होंगे खर्च……….वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के अनुसार, इस साल का बजट राज्य के किसानों, गरीबों, युवाओं और महिलाओं पर केंद्रित है। बजट में राज्य के समग्र विकास के लिए सभी आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है।……….5658 करोड़ से गरीब कल्याण
सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में गरीब कल्याण के दृष्टिगत समाज कल्याण में 2756 करोड़, अनुसूचित जाति कल्याण मेें 2184 करोड़ और जनजाति कल्याण कल्याण में 718 करोड़ की राशि का प्रविधान किया है। इसमें गरीबों के लिए आवास को 93 करोड़, खाद्यान्न आपूर्ति को 600 करोड़ और निश्शुल्क गैस रीफिल को 55 करोड़ की राशि शामिल है।
1679 करोड़ खर्च होंगे युवा कल्याण पर
युवा कल्याण पर सरकार 1679 करोड़ रुपये खर्च करेगी। बजट में युवा कल्याण व खेलकूद के लिए 534 करोड़, तकनीकी शिक्षा में 321 करोड़ और उच्च शिक्षा में 824 करोड़ की राशि शामिल है। 38 वें राष्ट्रीय खेलों के लिए 250 करोड़ रुपये का बजट प्रविधान रखा गया है। खेल महाकुंभ के लिए 27 करोड़ समेत अन्य योजनाओं को बजट रखा गया है।……….2415 करोड़ से संवरेगी खेती-किसानी
धामी सरकार ने बजट में कृषि के लिए 2415 करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। इसके तीन हिस्सों में कृषि विभाग की ग्रांट 1045 करोड़, उद्यान विभाग की 578 करोड़ और पशुपालन विभाग की ग्रांट 791 करोड़ रुपये होगी। बजट में दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना, एप्पल मिशन, किसान पेंशन, मत्स्य संपदा योजना पर विशेष ध्यान दिया गया है।…………..14538 करोड़ का जेंडर बजट
महिला सशक्तीकरण के दृष्टिगत नए वित्तीय वर्ष में जेंडर बजट में 14538 करोड़ रुपये का प्रविधान रखा गया है। इसमें महिला कल्याण विभाग के लिए प्रविधानित बजट 574 करोड़ है। साथ ही नंदा गौरा योजना, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजना, मुख्यमंत्री बाल पोषण योजना, वात्सल्य योजना, गंगा गाय महिला डेरी विकास जैसी योजनाओं के लिए बजट रखा गया है।………..15376 करोड़ स्वास्थ्य व शिक्षा का बजट
सरकार ने स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए 15376 करोड़ का बजट प्रविधानित किया है। इसमें राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में 1010 करोड़, अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना में 500 करोड़, हेल्थ सिस्टमस डेवपलमेंट में 105 करोड़, आयुष मिशन में 96 करोड़, कक्षा एक से आठ तक विद्यार्थियों को निश्शुल्क यूनिफार्म व बैग को 25 करोड़ का बजट प्रविधान शामिल है।………..468 करोड़ से संवरेगी पारिस्थितिकी
आर्थिकी के साथ पारिस्थितिकी का भी ध्यान सरकार ने बजट में रखा है। इसके लिए तमाम योजनाओं में 468 करोड़ का बजट प्रविधानित है। इसमें कैंपा में 343 करोड़, जलवायु परिवर्तन शमन को 55 करोड़, सारा को 50 करोड़, सार्वजनिक वनों के सृजन को 10 करोड़, ईवी चार्जिंग ढांचे के निर्माण को 10 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।……….425 करोड़ रुपये औद्योगिक विकास को
राज्य में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए सरकार ने 426 करोड़ रुपये का बजट प्रविधान किया है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को सहायता, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मेगा इंडस्ट्रियल एवं मेगा टेक्सटाइल नीति, स्टार्ट अप, सेंट्रल इस्टीट्यूट आफ प्लास्टिक इंजीनियङ्क्षरग एंड टेक्नोलाजी के लिए भी बजट प्रविधान किए गए हैं। इससे राज्य में वृहद पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे।…….सौ करोड़ का अतिरिक्त प्रविधान पर्यटन में
पर्यटन विकास के दृष्टिगत अवस्थापना सुविधा निर्माण के लिए 100 करोड़ के अतिरिक्त बजट का प्रविधान किया गया है। इसमें मानसखंड मंदिर माला मिशन को 50 करोड़, नवीन पर्यटक स्थलों और वाइब्रेंट विलेज योजना के लिए 25-25 करोड़ दिए जाएंगे। फिल्म विकास परिषद के लिए 11 करोड़ और राज्य उड़ा योजना टापअप में 10 करोड़ का प्रविधान किया गया है।……….13780 करोड़ का पूंजीगत परिव्यय
अवसरंचना विकास के दृष्टिगत पूंजीगत परिव्यय को सरकार ने 13780 करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। इसमें ग्राम्य विकास का पूंजीगत व्यय 1499 करोड़ और लोनिवि का पूंजीगत व्यय 1404 करोड़ व अनुरक्षण व्यय 917 करोड़ है। पीएमजीएवाई का पूंजीगत व्यय हजार करोड़ रखा गया है, जबकि शहरी विकास, यूकाडा, पर्यटन, आवास, एसएस-एसटी आदि का पूंजीगत व्यय शामिल है।……….2565 करोड़ से निखरेंगे शहर
शहरी क्षेत्रों को निखारने के लिए बजट में 2565 करोड़ रुपये का प्रविधान रखा गया है। इसमें नगरीय अवस्थापना सुदृढ़ीकरण को एडीबी से 150 करोड़, हल्द्वानी व अन्य शहरों के लिए 109 करोड़, पेयजल व जलोत्सारण योजनाओं के लिए 200 करोड़, ग्रीन फील्ड व ब्राउन फील्ड सिटी निर्माण को 20 करोड़ और गैरसैंण में अवस्थापन कार्य के लिए 20 करोड़ का बजट प्रविधान भी शामिल है।……..2910 करोड़ खर्च होंगे गांवों पर
गांवों के विकास को भी सरकार ने अपनी प्राथमिकता में रखा है। बजट में ग्राम्य विकास के लिए 2910 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। इसमें राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान, वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम, पंचायत भवनों का निर्माण, मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना, मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना समेत अन्य योजनाएं रखी गई हैं।…….149 करोड़ रखे नवाचार को
नवाचार को भी बजट में महत्व दिया गया है। इसके तहत ई-विधानसभा एप्लीकेशन को 31 करोड, राजस्व अभिलेखों के डिजिटाइजेशन को 50 करोड़, खनन सर्विलांस को 25 करोड़, व्हीकल टेस्टिंग सेंटर निर्माण को 20 करोड़, जिलों में केंद्रीकृत रिकार्ड रूम बनाने को 13 करोड़, 10 जिलों में विज्ञान प्रौद्योगिकी इनोवेशन केंद्र निर्माण को 10 करोड़ का प्रविधान किया गया है।….सरकार के सदन में बजट पेश करने से पहले विपक्ष ने उसे जमकर घेरा. उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने कानून व्यवस्था के मुद्दे को सदन में उठाया…..विपक्ष ने बजट सत्र में सरकार को घेरा: दूसरे दिन की कार्रवाई शुरू होते ही सदन में विपक्ष लगातार प्रश्नकाल में सरकार के ऊपर एक के बाद एक सवाल दागे. वहीं सदन में जाने से पहले नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि विपक्ष की पूरी कोशिश है कि वह सदन को सुचारू संसदीय कार्य प्रणालियों के अनुसार चलाने में अपना सहयोग दे. साथ ही यशपाल आर्य ने यह भी कहा कि उनकी हर एक कोशिश होती है कि सदन में किसी भी तरह का व्यवधान विपक्ष खड़ा ना करे. सदन में जाने से पहले नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था का बुरा हाल है. जिस तरह से एक के बाद एक लॉ एंड ऑर्डर के मामले प्रदेश भर में चले आ रहे हैं, उनको लेकर विपक्ष नियम 310 के तहत सदन में सवाल खड़ा कर रहा है……सिंचाई नहर निर्माण का मामला उठा: विधायक रवि बहादुर ने सदन में ज्वालापुर सुभाषगढ़ सिंचाई नहर निर्माण योजना का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि केंद्र पोषित एआईबीपी मद से कार्य हुआ है. नहर निर्माण में 7 करोड़ खर्च होने के बावजूद निर्माण कार्य अधूरा है. इस पर विपक्ष ने कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के नाम सरकार सार्वजनिक करे. वहीं प्रीतम सिंह ने कहा कि 2021 से जांच चल रही है, लेकिन ये आज तक पूरी नहीं हुई. इस पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि घोटालेबाज अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई होगी. महाराज ने ये भी कहा कि काश्तकारों से NOC के बाद निर्माण कार्य पूरा करेंगे…..विपक्ष के चक्रव्यूह में फंसे सतपाल महाराज: दरअसल आज सदन में पर्यटन, सिचाईं, लोक निर्माण और पंचायतीराज से जुड़े अधिकतर सवाल उठाए गए हैं. कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ही इन सभी विभागों के मंत्री हैं. विपक्ष का कहना है कि वो सतपाल महाराज के जवाब से सन्तुष्ट नहीं हैं. सदन में ऐसा लगा कि विपक्ष के सवालों पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज घिरते जा रहे थे. सतपाल महाराज को विपक्ष के चक्रव्यूह में फंसते देख संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने मोर्चा संभाला. इस पर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने प्रेमचंद अग्रवाल को संसदीय परंपराओं की याद दिलाते हुए निशाना साधा…..भाजपा विधायकों ने अपने ही मंत्री को घेरा: कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की मुसीबत यहीं खत्म नहीं हुई. भाजपा विधायक विनोद चमोली और मुन्ना सिंह चौहान ने भी लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज से नीतिगत सवाल पूछ लिए. विनोद चमोली और मुन्ना सिंह चौहान ने सड़कों को गड्ढा मुक्त करने की कार्रवाई पर सवाल उठाए. दोनों विधायकों ने पूछा कि सतपाल महाराज के विभाग के लिए क्या हैं सड़कों के गड्डों के मानक? किस सड़क को गड्ढे वाली मानें और किसे पुनर्निर्माण के लायक माना जाए.