उद्यान विभाग में हुए भ्रष्टाचार को छुपाने के लिय माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में गयी प्रदेश सरकार को वहां मुंह की खानी पड़ी: अधिवक्ता प्रमिला रावत

उद्यान विभाग में हुए भ्रष्टाचार को छुपाने के लिय माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में गयी प्रदेश सरकार को वहां मुंह की खानी पड़ी :- । उत्तराखंड क्रांतिकारी दल की वरिष्ठ नेता प्रमिला रावत ने प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए उद्यान मंत्री से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने को कहा l
परमिला ने कहा कि प्रदेश सरकार भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए आखिर क्यों इतनी बेताब है समझ से परे है क्योंकि उद्यान विभाग में हुए करोडों के घोटाले का खुलासा कई समय पूर्व होने के बाद भी पहले सरकार इसमें लीपापोती करती रही फिर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा जब सरकार को फटकार लगाते हुए इस प्रकरण की जाँच सीबीआई से कराने का आदेश दे दिया तो सरकार भ्रष्टाचार को समाप्त करने के बजाय उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय पहुँच गयी जहाँ उसे मुंह की खानी पड़ी क्योंकि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट कहा कि सरकार भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का संरक्षण चाहती है जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है और भ्रष्टाचारियों को सरकार द्वारा बचाने का प्रयास भी खेदजनक है l
परमिला ने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश कि उद्यान विभाग की जाँच सीबीआई ही करेगी से स्पष्ट है कि इसमें सरकार का भी योगदान है और अब नैतिकता के आधार पर उद्यान मंत्री गणेश जोशी जी को तत्काल अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए ताकि जाँच में किसी प्रकार का हस्तक्षेप न हो सके l
माननीय सर्वोच्च न्यायालय से फटकार खाने के बाद कांग्रेस पार्टी प्रदेश सरकार से कुछ स्पष्टता चाहती है