सरकार का जनता से छल. अब स्थायी निवासी भी मूल निवासियों के बराबर. पहाड़ की अस्मिता को बचाने के लिए 24 दिसम्बर को परेड ग्राउंड देहरादून में मूल निवास स्वाभिमान महारैली से जन आंदोलन की दहाड़.
— देश के विकास व सुरक्षा में अहम योगदान देने वाला उतराखंड अपने विशिष्ट भौगोलिक स्वरूप व संस्कृति से अपनी एक विशेष पहिचान रखता है. जन संघर्षो व आंदोलन से बना उतराखंड आज राज्य बनने के बाद मूल निवासी अपने को ठगा पा रहे है
उनके साथ छल कर स्वार्थ साधने में लगे उनके अपने भाई बंधु है जो अब सत्ता हुक्मरान है. मूल निवास व स्थायी निवास को एक मानना सबसे बड़ा छल व धोख़ा है.
देश के कई पहाड़ी राज्य है जिन्होंने अपने विशिष्टता को बचाये रखने हेतु अपने सम्मान व हक के लिए मूल निवास का आधार रखा है. राज्य बनने के बाद जिस तेज गति से पलायन बढा. शिक्षित बेरोजगारों को दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर होना पड़ा उनके हकों को सत्ता हुक्मरानों ने बलि चढाया. मूल निवास को दर किनार कर स्थायी निवास के जरिये भरष्टाचार की जाल बिछाया. आउट सोर्स के नाम पर लूट स्थानीय लोगों के साथ छल. एक तरफ मूल निवास दर किनार कर स्थायी निवास का आधार दूसरी तरफ भृष्टाचार का ऐसा जंजाल जिसमें सत्ता हुक्मरानों की संलिप्तता. देश में उतराखंड का सबसे ज्यादा शिक्षित युवा समाज है दलालों व सत्ता हुक्मरानों के गठ जोड़ ने विधान सभा में जिस तरह से भरष्टाचार व मन माने ढंग से नियुक्ति की तो सामाजिक संगठनों व शिक्षित बेरोजगार युवाओं ने आंदोलन किया. जिसका परिणाम स्वरूप मन माने व अवैध तरीके से की गयी नियुक्तियों को रद्द करना पड़ा. लेकिन भ्रष्टचार के सूत्र धार आज भी सत्ता की मलाई से सारोबोर है. विगत एक दशक से राज्य सरकार की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयारी कर रहे युवा व जनता अब समझ गयी है कि उनके हकों व सम्मान पर हमला कोई और नहीं बल्कि उनके सत्ता हुक्मरान बंधु ही है जो उनके मूल निवास के हक को समाप्त करने पर आमदा है. 1962 के बाद कोई भूमि बंदोबस्त नही हुआ है साथ ही बढ़ते परिवार व घटती बिखरी जोतों से भी पहाड़ के किसानों का खेती से मोह भंग हुआ है. भूमि बंदोबस्त व भू कानून जरूरी है.
विभिन्न सामाजिक , सांस्कृतिक राजनेतिक संगठनों, रिटायर्ड अधिकारियों व कर्मचारी संगठनों, शिक्षित बेरोजगार संगठनों, उतराखंड आंदोलनकारियों के मातृ शक्ति व पूर्ब विधायकों के साथ साथ लोक कलाकार, प्रसिद्ध लोक गायकों के द्वारा मूल निवास – भू कानून समन्वय समिति के बैनर तले 24 दिसंबर 2023 को परेड ग्राउंड में मूल निवास स्वाभिमान महारैली के लिए जन जागरण किया जा रहा है.