देहरादून…. सुबे के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने वीरवार को देहरादून के ग्राम पंचायत हरिवालाखुर्द के जैंतनवाला में “सरकार किसान के द्वार ” के अन्तर्गत कृषि एवं रेखीय विभागों द्वारा आयोजित कृषक महोत्सव रबी – 2023 का शुभारंभ किया। मंत्री गणेश जोशी ने 07 कृषि रथों को जनपद देहरादून के 40 न्याय पंचायतों तक विभाग द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी किसानों पहुंचने वाले कृषि रथों को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
रबी कृषक महोत्सव का आयोजन प्रदेश के समस्त 13 जनपदो में आज 02 नवम्बर से 08 नवम्बर तक सभी 670 न्याय पंचायतो पर 107 कृषि रथों के द्वारा सरकार किसान के द्वार कार्यक्रम के तहत किया जा रहा है।
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने अपने सम्बोधन में कहा भारत एक कृषि प्रधान देश है, देश के आर्थिक विकास एवं उन्नति में कृषि की महत्वपूर्ण भूमिका है। देश को खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कृषि वैज्ञानिकों और हमारे किसान भाईयों एवं बहनों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। कृषि के विकास के लिए तथा कृषि को सुविधाजनक बनाने कि लिए इस प्रदेश में प्रदेश सरकार के द्वारा कृषि विभाग के माध्यम से कृषि से सम्बन्धित महत्वपूर्ण जनकल्याणकारी कार्यक्रम संचालित किये जा रहे है। जिससे किसान भाई लाभान्वित होने के साथ-साथ कृषि में भी विकास कर रहे है। कृषक महोत्सव के माध्यम से कृषि एवं रेखीय विभाग कृषकों तक पहुँचकर उनको विभागीय योजनाओ की जानकारी उपलब्ध करायेंगे तथा कृषको की समस्याओ का समाधान भी करेंगे। साथ ही इसके माध्यम से आवश्यक कृषि निवेशे की आपूर्ति भी की जायेगी और कृषक वैज्ञानिक संवाद का मौका भी मिलेगा।
उत्तराखण्ड राज्य गठन के समय में प्रदेश के कुल कृषियोग्य भूमि 7.70 लाख है० थी जिस पर खाद्यान्न उत्पादन 16.47 लाख मै0टन था। वर्तमान में कृषि योग्य भूमि घटकर 6.21 लाख है० हो गयी है, लेकिन खाद्यान्न उत्पादन बढ़कर 19.23 लाख मै0टन हो गया है, जिससे स्पष्ट होता है कि हमारे कृषि वैज्ञानिकों, कृषकों एवं विभाग द्वारा खाद्यान्न उत्पादन के क्षेत्र में सराहानीय प्रयास किये गये है। जिस हेतु भारत सरकार द्वारा उत्तराखण्ड सरकार को वर्ष 2017-18 के लिये कुल खाद्यान्न उत्पादन में सर्वश्रेष्ठ राज्य का कृषि कर्मण पुरूस्कार से सम्मानित किया गया है। वर्ष 2025-26 में प्रदेश को 22.59 लाख मै0टन खाद्यान्न की आवश्यकता होगी और मुझे उम्मीद है कि उक्त आवश्यकता की पूर्ति हेतु विभाग विभिन्न योजनाओं के माध्यम से प्रयास किये जायेगें।
मंत्री ने कहा वर्ष 2017-18 से 2022-23 तक 3050 फार्म मशीनरी बैंक एवं कस्टम हायरिंग सेन्टर स्थापित किये गये। वर्ष 2030 तक पर्वतीय क्षेत्रों की समस्त ग्राम पंचायतों (6787) में फार्म मशीनरी बैंक स्थापित किये जायेगें। प्रदेश सरकार द्वारा मिलेट फसलों को प्रोत्साहन तथा आम जनमानस के भोजन मे सम्मिलित करने हेतु रू0 73.16 करोड धनराशि की स्टेट मिलेट मिशन को वर्ष 2023–24 से वर्ष 2027–28 तक संचालन किये जाने की अनुमति प्रदान की गयी है। मिशन अन्तर्गत कृषकों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मण्डुवा एवं सॉवा का क्रय सहकारिता विभाग के माध्यम से किया जाना सुनिश्चित किया गया है, तथा कृषको को कलैक्शन सेन्टर पर मण्डुवा अन्तः ग्रहण कराने पर रु० 150.00 प्रति कु0 प्रोत्साहन धनराशि भी दी जायेगी। वित्तीय वर्ष 2023-24 हेतु 16500 मै0टन मण्डुवा फसल का कृषकों से अन्तःग्रहण किये जाने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रदेश के अन्तर्गत वर्तमान में लगभग 2.23 लाख है० भूमि पर जैविक खेती का कार्य किया जा रहा है,जिसके अन्तर्गत प्रदेश के परम्परागत फसलों जैसे मण्डुवा, सांवा, भट्ट, गुड, बासमती चावल आदि का उत्पादन कराया जा रहा है जिसका विपणन “आर्गेनिक उत्तराखण्ड ” एवं ” नमामि गंगे’ ब्रान्ड के अन्तर्गत किया जा रहा है। उक्त के अतिरिक्त भारत सरकार द्वारा 6400 है0 भूमि पर ‘प्राकृतिक खेती’ की योजना चलाने हेतु स्वीकृति प्रदान की गयी है, तथा राज्य सरकार द्वारा गंगा कॉरिडोर में 1950 है0 भूमि पर प्राकृतिक खेती का संचालन किया जायेगा। केन्द्र के तर्ज पर प्रदेश सरकार द्वारा भी राज्य में “मुख्यमंत्री प्राकृतिक कृषि योजना” प्रारम्भ की जा रही है, जिससे अधिक से अधिक क्षेत्र को प्राकृतिक कृषि के अन्तर्गत आच्छादित किया जा सके। उन्होंने कहा शीघ्र ही गंगा नदी स्वच्छता कार्यक्रम के तहत प्रदेश सरकार द्वारा “नमामि गंगे प्राकृतिक कृषि कोरिडोर योजना” प्रारम्भ की जा रही है। मंत्री ने भोरसा जताते हुए कहा कि भारत सरकार के सहयोग तथा प्रदेश सरकार के प्रयासों से कृषकों की आर्थिकी मे सुधार होगा।
इस अवसर पर कृषि महानिदेशक रणवीर सिंह चौहान, निदेशक कृषि के.सी.पाठक, जिला अध्यक्ष किसान मोर्चा मातवर सिंह बिष्ट, ग्राम प्रधान सागर सिंह, नैन सिंह पंवार, संध्या थापा, लीला शर्मा, प्रेम सिंह पंवार, निर्मला थापा, गिरीश उनियाल सहित कृषि विभाग के अधिकारी व हजारो किसान उपस्थित रहे।