राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने मुख्यमंत्री से विज्ञप्ति मे संशोधन की मांग की है।


हाल ही में उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आई टी आई कॉलेज में प्रधानाचार्य के पद हेतु आवेदन मांगा गया है जिसमे अनिवार्य अर्हता के रूप में 2 वर्ष का अध्यापन या कर्मशाला का अनुभव मांगा गया है।
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने मुख्यमंत्री से विज्ञप्ति मे संशोधन की मांग की है।
संयोजक शिवप्रसाद सेमवाल ने आपत्ति जताई है कि
विज्ञापन में यह स्पष्ट नही बताया गया है कि किन संस्थान का अनुभव वैलिड रहेगा चाहे वो प्राइवेट संस्थान हो या सरकारी । आजतक उत्तराखंड की किसी भी विज्ञप्ति में अध्यापन का अनुभव नही मांगा गया है। चाहे वो पॉलीटेक्निक कॉलेज में लेक्चरर की पोस्ट हो ,डिग्री कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेस्सर की पोस्ट हो या पीसीएस की पोस्ट हो।
तो फिर इस विज्ञप्ति में अध्यापन का अनुभव क्यों ?
क्योंकि इससे कम बच्चे आवेदन करेंगे और आयोग सीधा इंटरव्यू करवा सकता है और सिलेक्शन के लिए सिर्फ इंटरव्यू के नम्बर जुड़ेंगे । फिर इंटरव्यू में क्या गड़बड़झाला हो सकता है आप सब समझते हैं। इसलिए इस विज्ञप्ति में तत्काल संशोधन होना चाहिए।
शिवप्रसाद सेमवाल
संयोजक
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी, देहरादून, उत्तराखंड