तड़पती सुलोचना को विलखता छोड़ मेघनाद ने रणक्षेत्र के लिए किया पयाम

तड़पती सुलोचना को विलखता छोड़ मेघनाद ने रणक्षेत्र के लिए किया पयाम *राजपुर, देहरादून- *श्री आदर्श रामलीला ट्रस्ट राजपुर द्वारा आयोजित 74 वे श्री रामलीला महोत्सव में लक्ष्मण की मूर्च्छा जागरण तथा महाबली कुंभकर्ण के वध का समाचार सुनकर लंका में हा हाकार मंच दिया। लंकेश ने अपने पुत्र मेघनाथ को रणक्षेत्र में रामादल का सामना करने के आदेश दिया। रणक्षेत्र में जाने से पूर्व मेघनाद अपनी पत्नी सलोचना से मिलने रनिवास गया। जहां सुलोचना द्वारा अनुनय कर प्रेम प्यार से अपने पति मेघनाद को बहुत समझाया किंतु पिता की आज्ञा का वास्ता देकर मेघनाद ने रणक्षेत्र में जाने के पयाम किया। रणक्षेत्र से पूर्व मेघनाद माता निकुंबा की आराधना कर अपना अजेय यज्ञ प्रारम्भ किया जिसकी गुप्तचरों द्वारा सूचना मिलने पर विभीषण ने श्रीराम को सचेत किया। जिसके अनुसार मेघनाद के अजेय यज्ञ की सूचना सूनकर लक्ष्मण ने श्री राम की आज्ञा पाकर मेघनाद का अजेय यज्ञ पूर्ण ना होने दिया अपूर्ण यज्ञ के कारण मेघनाद बोखला गया। मेघनाद और लक्ष्मण के बीच भयानक युद्ध हुआ अंत में लक्ष्मण के हाथों मेघनाद मारा गया, जिसकी सूचना से लंका में अंधकार छा गया। हताश और निराश रावण द्वारा अहिरावण का आह्वान कर राम लक्ष्मण से युद्ध करने के लिए भेजा गया। अहिरावण द्वारा विभीषण का वेश धारण कर राम और लक्ष्मण को निंद्रा के बीच उठा कर पाताल लोक ले गया। जहां प्रभू श्री राम के अनन्य भक्त हनुमान द्वारा पाताल लोक पहुंच कर अहिरावण का वध कर दिया। अब रावण स्वयं ही रणक्षेत्र में आया और काफी लम्बे समय तक राम रावण का युद्ध हुआ। विभीषण की सलाह पर राम ने रावण की नाभि का अमृत सोख कर रावण का भी वध कर दिया। रावण वध के बाद विभीषण को लंका का राजा का श्रीराम ने राज्याभिषेक किया। तत्पश्चात लंका से सीता की वापसी पर जनता के मनभेद को दूर करने के लिए सीता की अग्निपरीक्षा के बाद श्रीराम राम लक्ष्मण सीता सहित सभी ने पुष्पक विमान से अयोध्या की वापसी की।*
लीला में अतिथि के रुप में श्री लच्छू गुप्ता,श्री राजकुमार तिवारी एडवोकेट, तथा श्री संजय अग्रवाल ने पधारकर गीत संगीतमई लीला के प्रभावी मंचन की मुक्त कंठ से सराहना की श्री आदर्श रामलीला ट्रस्ट के डायरेक्टर श्री शिवदत्त, चरण सिंह तथा प्रधान -योगेश अग्रवाल के प्रभावी निर्देशन में मेघनाद वध ,अहिरावण वध तथा रावण के पश्चात सीता अग्नि परीक्षा की अति मार्मिक लीला का मंचन कलाकारों द्वारा कर प्रस्तुत श्रृद्धालु दर्शकों के हृदय पर अमिट प्रभाव पडा
श्री आदर्श रामलीला ट्रस्ट के संरक्षक- विजय जैन, जय भगवान साहू,प्रधान – योगेश अग्रवाल,उप प्रधान संजीव गर्ग, राजकुमार गोयल, भारत भूषण गर्ग मंत्री -अजय गोयल, कोषाध्यक्ष -नरेन्द्र अग्रवाल, उपकोषाध्यक्ष-श्रवण अग्रवाल, वेद साहू, उपमंत्री-अशोक साहू,आडिटर- ब्रह्मप्रकाश वेदवाल,संजय धीमान,अमन अग्रवाल,डॉ विशाल अग्रवाल, मोहित अग्रवाल,डायरेक्टर – शिवदत्त अग्रवाल,चरण सिंह, अमन कन्नौजिया,करन कन्नौजिया,निशांत गोयल विभू वेदवाल,आदि के सक्रिय सहयोग से भारी संख्या में दर्शकों की उपस्थिति में लीला ने दर्शकों के हृदय पर अमिट छाप छोडी।
निवेदक-
🙏योगेश अग्रवाल🙏 प्रधान -श्री आदर्श रामलीला ट्रस्ट राजपुर, देहरादून।