नवरात्रि के आठवें दिन माँ महागौरी का पूजन किया जाता है। मान्यता है कि जब माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तप किया तब उनकी देह क्षीण और वर्ण काला हो गया। जब प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें अर्धांगिनी रूप में स्वीकार किया तो अपनी जटा से निकलती पवित्र गंगा की जलधारा माता पर अर्पित की तो उनका रंग गौर हो गया मां देवी का यह आठवां स्वरुप शांत स्वभाव का और सुहागिनों को सुहाग देने वाला है। इनको भोग में नारियल चढ़ाना चाहिए। इनकी पूजा का मंत्र है “सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके, शरण्ये त्रयम्बिके गौरी नारायणी नमोस्तुते।”