जैन समाज ने मनाया आज सुगंध दशमी पर्व

जैन समाज ने मनाया आज सुगंध दशमी पर्व
आज दसलक्षण पर्व पर उत्तम संयम धर्म पर श्री दिगंबर जैन पंचायती मंदिर एवं जैन भवन स्थित जैन मंदिर जी में भगवान का अभिषेक कर शांतिधारा हुई जिसमे भगवान महावीर स्वामी की प्रतिमा पर प्रथम अभिषेक एवं शान्तिधारा करने का सौभाग्य श्री आशीष जैन नरेश चंद जैन को एवं पाण्डुकशिला पर भगवान का प्रथम कलश एवं शांतिधारा करने का सौभाग्य श्री प्रवीण जैन नवीन जैन मेडिकल, श्री अभिषेक जैन रायपुर को प्राप्त हुआ।
आज सुगंध दशमी पर्व पर जैन धर्मावलाम्बियों ने अशुभ कर्मो के दहन होने धूप खेवन कर भगवान से विश्व शांति हेतु प्रार्थना की।
उत्तम संयम पर्व पर पूज्य माताजी ने प्रवचन हुए कहा कि पंचेन्द्रिय विषयो से विरक्ति ओर निज स्वरुप में अनुरक्ति उत्तम संयम धर्म है।
प्राणी-रक्षण और इन्द्रिय दमन करना संयम है।
स्पर्शन, रसना, घ्राण, नेत्र, कर्ण और मन पर नियंत्रण (दमन, कन्ट्रोल) करना इन्द्रिय-संयम है। पृथ्वीकाय, जलकाय, अग्निकाय, वायुकाय, वनस्पतिकाय और त्रसकाय जीवों की रक्षा करना प्राणी संयम है….

श्री वर्णी जैन इंटर कॉलेज गांधी रोड मे श्री मिट्ठन लाल सुरेश चंद जैन स्मृति वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमे स्कूल के बच्चो द्वारा “विकसित व उन्नत भारत” की दिशा मे राष्ट्रीय शिक्षा नीति- एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शक है, पर पक्ष एवं विपक्ष मे अपने अपने मत रखे गये। जिसमे मुख्य अतिथि श्रीमतीसीमा जौनसारी (निदेशक माध्यमिक शिक्षा उत्तराखंड) के साथ विद्यालय के अध्यक्ष मनीष जैन (गत्ते वाले) , प्रबंधक श्री संजय जैन(मल्टी चैनल), कोषाध्यक्ष राजकिरण जैन, प्रधानाचार्य डां शुभी गुप्ता एवं विधालय स्टाफ उपस्थित रहे।
शाम 7.00 बजे सभी जिन मंदिरो मे श्री जी की महाआरती की गयी। इसके पश्चात पूज्य आर्यिका 105 आनंदमति माताजी एवं पूज्य क्षुल्लकरत्न समर्पण सागर जी महाराज के मंगल सानिध्य मे रंगारंग संस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री सुधीर जैन (दून साइंटिफिक) का उत्सव समिति द्वारा स्वागत किया गया इसके पश्चात श्री मोहित जैन (C.A. ) के द्वारा दीप प्रज्वलन किया गया।
दस लक्षण महापर्व पर सांध्यकालीन कार्यक्रमों की श्रृंखला में आज जैन मिलन माजरा द्वारा एक लघु नाटिका वज्रबाहु का वैराग्य का मंचन किया गया इसमें दर्शाया गया कि अयोध्या के महाराजा इमवाम का पुत्र वज्रबाहु अपनी पत्नी मनोरमा के भाई मकरध्वज द्वारा किए गए व्यंग के कारण किस प्रकार मुनि दीक्षा ग्रहण कर लेते हैं और उसी के साथ उनकी पत्नी मनोरमा वह भाई मकरध्वज भी सांसारिक भोगों को छोड़कर वैराग्य के मार्ग पर चल पड़ते हैं इसमें महाराज का किरदार वीर संजीव जैन महामंत्री अतुल जैन, वज्रबाहु मीता जैन, मकरध्वज नितिन जैन व मनोरमा की भूमिका दिव्या जैन ने की ।इस नाटिका में वीर अजय जैन, मुकेश जैन, संस्था के अध्यक्ष प्रदीप जैन उपप्रधानअजय जैन,मंत्री प्रदीप जैन,कोषाध्यक्ष अमित जैन आदि का सहयोग रहा शाखा संयोजिका मीनू जैन, मधु जैन व अन्य वीरांगनाओं ने भक्ति गीत व वंदना प्रस्तुत की।
कार्यक्रम मे भारतीय जैन मिलन के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्री नरेश चंद जैन, क्षेत्रिय मंत्री डां संजय जैन, सुकुमार जैन, जिनेन्द्र जैन, उत्सव समिति के संयोजक संदीप जैन, मीडिया संयोजक मधु जैन, अंकित जैन, आदि बड़ी संख्या मे समाज के महानुभाव उपस्थित रहे।

मधु जैन…..मीडिया संयोजक