देहरादून……….डेंगू की महामारी के चलते खुल रही सरकारी अस्पतालों की पोल पट्टी। …….जहां एक और उत्तराखंड सरकार उत्तराखंड के चौमुखी विकास को लेकर कार्य कर रही है वही डेंगू के चलते स्वास्थ्य विभाग पर कई बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं आपको बता दे की उत्तराखंड के वरिष्ठ पत्रकार आजकल डेंगू से ग्रस्त है सरकारी अस्पताल के चक्कर लगाने के बाद उन्होंने घर में ही प्राइवेट डॉक्टर से इलाज करना उचित समझा
परंतु फिर भी प्लेटलेट कम होने के कारण 21 सितंबर 2023 को वह करीबन 8:30 बजे रात्रि में पहुंचे गांधी शताब्दी हॉस्पिटल……. अब वहां जाकर उन्होंने इमरजेंसी में डॉक्टर को दिखाया तो पहले तो यही हुआ कि बेड ही नहीं है उसके बाद उनका एक पर्चा बनाया गया जिसमें यह था कि तीन दिन उनको एडमिट किया जाएगा ….. परंतु हुआ कुछ ऐसा की आप भी सुनकर क्रोध से भर जाएंगे
अस्पताल द्वारा मरीज को ग्लूकोस लगाया गया और ग्लूकोज आधा ही चढ़ा था इतने में मरीज के परिजनों से यह लिखवाया गया कि आप अपनी जिम्मेदारी पर पेशेंट को घर ले जा रहे हैं अब ऐसा क्यों किया गया इसके पीछे क्या कारण है …….कई बड़े सवाल किसी की जान के साथ इतना बड़ा खिलवाड़ आखिर क्यों …… ऑल मीडिया जर्नलिस्ट एसोसिएशन उत्तराखंड की तरफ से उत्तराखंड के……… मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी से निवेदन किया जाता है कि इस मामले में संज्ञान लेने का कष्ट करें और स्वास्थ्य विभाग पर अपनी नजर रखें……. जब एक पत्रकार को सरकारी स्वास्थ्य सुविधा इस प्रकार मिल रही है तो और जनता का क्या हाल होगा