अखिल भारतीय जूनियर स्कूल शिक्षक संघ के संबंध में लिया गया निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण


प्रदेशीय जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ उत्तराखंड की प्रांतीय बैठक में अखिल भारतीय जूनियर स्कूल शिक्षक संघ के संबंध में लिया गया निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है।
प्रत्येक संगठन का यह उद्देश्य होता है कि उनकी मांगों को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने के लिए कोई संगठन हो इसी उद्देश्य के साथ अखिल भारतीय जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ का गठन किया गया है परंतु राजनीतिक द्वेष के कारण प्रदेशीय जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ अखिल भारतीय जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ के गठन को अवैध मानकर कार्रवाई की बात कर रहा है जबकि अखिल भारतीय जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ द्वारा प्रदेशीय संगठन को कमजोर करने हेतु कोई कार्य नहीं किया जा रहा है।
जो प्रदेशीय संगठन के सदस्य हैं वहीं राष्ट्रीय संगठन के सदस्य हैं इसलिए संगठन को तोड़ने वाली कोई बात नहीं है। ब्लाक में संगठन होता है,जिले में संगठन होता है तो क्या ये प्रदेश के संगठन को तोडते है ?
अखिल भारतीय जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेश त्यागी जी ने कहा कि तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ उत्तराखंड के अध्यक्ष द्वारा राष्ट्रीय संगठन में शामिल होने की सहमति दी गई थी इसलिए उत्तराखंड को शामिल किया गया जहां तक सेवानिवृत्त अध्यापकों को संगठन में शामिल करने का प्रश्न है हमारे संविधान में ऐसी व्यवस्था है और हमारे ही नहीं अखिल भारतीय स्तर के जितने भी संगठन हैं सभी में सेवानिवृत्त शिक्षक ही है।
राष्ट्रीय महामंत्री सुभाष चौहान ने कहा कि हमने हमेशा प्रदेश संगठन से मिलकर चलने का आह्वान किया और आज भी कर रहे हैं कि साथ मिलकर चलों, हमने हमेशा नहीं रहना और न प्रदेश के पदाधिकारियों ने हमेशा रहना लेकिन आने वाले लोगों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक संगठन खड़ा हो जाएगा। मैं आज भी विनम्रता पूर्वक कह रहा हूं कि साथ मिलकर चलों। परंतु यदि प्रदेशीय जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संगठन अपनी जिद पर ही अड़ा रहा तो हमें भी मजबूरन अग्रिम कार्रवाई करनी पड़ेगी , इससे संगठन कमजोर होगा और शिक्षकों की समस्यायों का समाधान नहीं हो पाएगा ,क्योंकि संगठन आपस में ही एक दूसरे की टांग खींचने में लगे रहेंगे और मुख्य उद्देश्य से संगठन भटक जाएगा।
अखिल भारतीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ इस तरह की कोई भी कार्रवाई तभी करेगा जब प्रदेश संगठन द्वारा राष्ट्रीय संगठन के सदस्यों पर कोई कार्रवाई की जाएगी और इसके लिए पूर्ण रूप से प्रदेशीय संगठन जिम्मेदार होगा।
यदि प्रदेशीय संगठन द्वारा उत्पीड़न की कोई कार्यवाही की जाती है तो राष्ट्रीय संगठन शीघ्र बैठक कर इस मुद्दे को निदेशालय,शासन तथा न्यायालय स्तर पर ले जाने पर मजबूर होगा।
सुभाष चौहान
राष्ट्रीय महामंत्री अखिल भारतीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ