आज दिनांक 8/9/23 को स्वयं के साथ हुई एक छोटी सी घटना से मिली बहुत बड़ी सीख…. पूरी घटना इस प्रकार है देहरादून कोर्ट से करीबन 3:30 बजे निकलने के बाद सीधा पहुंचे नेहरू कॉलोनी सब्जी मंडी में वहां पर एक फल वाले से 8 किवी खरीदे ….. कुछ भी खरीदारी पर ऑनलाइन ही ट्रांजैक्शन की जाती है परंतु फोन का नेट काफी स्लो कम कर रहा था जिससे ट्रांजैक्शन करने में प्रॉब्लम आ रही थी तभी मैंने बाग से ₹500 का नोट निकला और फल वाले की ठेली पर रख दिए तभी वहां पर एक लड़की एक लड़के के साथ एक्टिवा पर बैठकर आई और मेरी खड़ी एक्टिवा पर टक्कर मार दी और तुरंत एक्टिवा से उतर गई टक्कर हल्की सी लगी थी इसलिए मैंने कुछ नहीं कहा मुझे लगा यह भी फल लेने आई है परंतु वह लड़की ठेली के पास खड़ी हुई और बिना कुछ लिए एक सेकंड में एक्टिव में बैठकर फिर चली गई कुछ ही सेकंड में पता चला कि वह ₹500 जो फल की ठेली पर रखे थे वह उठा कर चलदी इस बात का पता जब चला जब मैं फल वाले से बोला जो पैसे बचे हैं वापस दे दो ₹500 में से उसने कहा मैंने तो यहां से पैसे उठाए ही नहीं तभी समझ में आया नजर हटी दुर्घटना घटी तभी फल वाले ने कहा जो वह लड़की आई थी वह यहां पर खड़ी हुई कुछ नहीं लिया और चली गई वहीं ले गई पैसे ,,,,,,,,, मुझे उसके बाद भी नहीं लगा कि वह ऐसा करेगी ….. खैर अब क्या बोल सकते हैं विनाश काले विपरीत बुद्धि ऐसे काम करने वाले कुछ लोग बहुत हैं दुनिया में बस भगवान से प्रार्थना है कि जो उस बेचारी ने ₹500 उठाए हॉस्पिटल में उसके 5000 ही लगे बस आगे जैसे प्रभु की इच्छा परंतु मुझे बहुत बड़ी सीख मिली कभी भी फल खरीदो पैसे सीधा फल वाले के हाथ में रखो और नहीं तो ऑनलाइन तो बहुत सेफ है तो वही करें धन्यवाद……..