उत्तराखंड में एक नये राजनीतिक क्षेत्रीय दल की संभावना को लेकर हल-चल तेज हो गई है।…….पर्वतजन फाउंडेशन के आह्वान पर प्रेस क्लब में आयोजित एक प्रेस वार्ता में पर्वतजन फाउंडेशन के संयोजक शिव प्रसाद सेमवाल ने बताया कि प्रोफेशनल चुनावबाज नेताओं की राजनीति से अलग उत्तराखंड में एक अलग तरीके की राजनीति की जरूरत है जो हर समय जनता के बीच रहने वाले विभिन्न समाजसेवियों के माध्यम से संचालित की जानी चाहिए।……..राजेंद्र पंत ने कहा कि दिल्ली से संचालित आधे दर्जन राजनीतिक दलों और उत्तराखंड के 4 दर्जन से भी अधिक क्षेत्रीय राजनीतिक दलों का पंजीकरण होने के बावजूद जनता अकेले ही विभिन्न जनसमस्याओं से जूझने को मजबूर है। इस समस्या को देखते हुए एक नए राजनीतिक दल की संभावना को लेकर प्रत्येक जिले में जाकर समाज के विभिन्न वर्गों के बुद्धिजीवियों से सुझाव लिए जाएंगे। ………..सुलोचना ईष्टवाल ने बताया कि उत्तराखंड भ्रमण के बाद पूरे उत्तराखंड से आए सुझावों को एक साथ संकलित करके के सामूहिक निर्णय से एक विजन डाक्यूमेंट तैयार किया जाएगा और उन मुद्दों पर राजनीतिक दल काम करेगा। ……….यहां तक कि क्षेत्रीय राजनीतिक दल का नामकरण भी प्राप्त हुए सुझावों के अनुसार ही किया जाएगा।……..इससे पूर्व इससे पूर्व सभी कार्यकर्ताओं ने स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी पुण्यतिथि पर घंटाघर स्थित स्मारक पर जाकर माल्यार्पण किया और उनके पदचिन्हों पर चलने का संकल्प लिया।
ये कार्यकर्ता रहे शामिल …….इस अवसर पर सुलोचना ईस्टवाल, रजनी मिश्रा, दिव्या चौहान, मीना थपालियाल, रंजना नेगी, बीना नेगी, निर्मला भट्ट, तारा यादव, उमा खंडूरी, यशोदा रावत, अमित कुकरेती, अर्जुन भंडारी, सुशीला पटवाल, रंजना उपाध्याय, श्रुति गुप्ता, शशि रावत, देवेस्वरी बिस्ट, सतेंद्र नेगी, ओम प्रकाश खंडूरी, रूप सिंह रावत, माधो सिंह नेगी, मनोज कुमार, प्रवीण कुमार, संजय तीतौरिया, राधे श्याम, राजेंद्र गुसाईं, शैलेंद्र गुसाईं, राजेंद्र पन्त, राजेंद्र भट्ट, प्रमोद डोभाल, विनोद कोठियाल, मोहन सिंह गुसाईं, सुरेंद्र सिंह चौहान, विजय जोशी, आशीष नेगी, केशर सिंह, मोहन चंद्र, पंकज पोखरियाल, पंकज उनियाल, प्रदीप कुमार आदि दर्जनों कार्यकर्ता शामिल रहे।